जींस पैंट और टी-शर्ट पहन कर दफ्तर में हुए दाखिल तो ख़ैर नहीं

जींस पैंट और टी-शर्ट पहन कर दफ्तर में हुए दाखिल तो ख़ैर नहीं

(रणभेरी): उत्तर प्रदेश के भदोही जिले की डीएम आर्यका अखौरी की कार्रवाई चर्चा में आ गई है। उन्‍होंने जिले में सरकारी कर्मचारियों के टीशर्ट और जींस पैंट को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है। अब गुरुवार से कोई जींस पैंट और टीशर्ट में नजर आया तो कार्रवाई की जाएगी। 

भदोही की डीएम आर्यका अखौरी मंगलवार को कांवर यात्रा को लेकर बैठक में थीं तो दो अधिकारियों ने टीशर्ट और जींस पैंट पहन रखा था। इस बात पर वह नाराज हो गईं और उन्‍होंने बाकायदा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस पर आपत्ति जताई और गुरुवार से टीशर्ट और जींस पैंट पहनने को लेकर कार्रवाई की बात कही है। इस बाबत जींस पैंट और टीशर्ट को लेकर प्रशासनिक सख्‍ती इन दिनों चर्चा में है। इस बाबत प्रशसन के स्‍तर पर कार्रवाई और कपड़ों की निगरानी के लिए समिति बनाने की बात कहकर कर्मचारियों को सकते में डाल दिया है। 

उत्तर प्रदेश में पहले ही सरकारी कर्मचारियों के ड्रेस को लेकर आदेश जारी हो चुका है। जींस पैंट और टीशर्ट में कर्मचारी नजर आए तो कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार सभी कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड निर्धारित है। जिसके तहत जींस पैंट और टीशर्ट के साथ ही चप्पल पहनने पर पाबंदी है। उत्तर प्रदेश में लखनऊ के सचिवालय से शुरू हुआ यह फरमान पूरे प्रदेश में लागू है।

भदाेही जिले में सरकारी दफ्तरों, स्कूलों में अब जींस व टी-शर्ट नहीं चलेगी। ड्यूटी करनी है तो सामान्य परिधान में आना है। अन्यथा माना जाएगा कि कर्मचारी ड्यूटी के प्रति संवेदनशील नहीं है। जितने दिन वह अपने परिधान का नियम तोड़ेंगे उन पर जुर्माना लगेगा और उनके खिलाफ कार्रवाई को पत्र निदेशालय भेजा जाएगा। यह आदेश गुरुवार से लागू हो जाएगा।

भदोही जिले की डीएम मानना है कि कर्मचारी व शिक्षक जींस टी-शर्ट में अपने कार्यालय आते हैं तो इसका बच्चों पर असर पड़ता है। परिधान की वजह से समाज में भी गलत संदेश जाता है। पर अब ऐसा नहीं चलेगा। सभी को सामान्य परिधान में आना होगा। इसके अलावा कार्यालय देरी से आने और जल्दी चले जाने वालों पर भी प्रशासन की नजर रहेगी। इसके लिए जल्द ही नोडल बनाए जाएंगे जो सुबह-शाम उपस्थिति देखेंगे और परिधान पर नजर रखेंगे

वैसे यह नियम पुराना है पर अब सख्ती होती दिख रही है। शिक्षकों को बार-बार हिदायत दी जाती है कि वे सामान्य परिधान में विद्यालय आएं। क्योंकि समान में उनका ओहदा काफी ऊंचा होता है। बच्चे उनका अनुशरण करते हैं। पर नई पीढ़ी ने अपनी स्तर से व्यवस्था चलाने का प्रयास किया और जींस, टी-शर्ट में आने लगे थे। इस पर काफी हद तक रोक लग गई है पर अब भी गाहे- बगाहे शिक्षक आधुनिक परिधानों में आ जा जाते हैं। अब देखना है कि डीएम का फरमान कितने दिनों में लागू होगा और कितने दिन चलता है। हालांकि, यह आदेश जारी होने के बाद से ही जिले में सरकारी कर्मचारी सकते में हैं।