सुप्रीमकोर्ट में ज्ञानवापी तहखाने में पूजापाठ के खिलाफ सुनवाई टली

सुप्रीमकोर्ट में ज्ञानवापी तहखाने में पूजापाठ के खिलाफ सुनवाई टली

वाराणसी (रणभेरी)। मसाजिद इंतजामिया कमेटी ने शुक्रवार को ज्ञानवापी तहखाने में पूजापाठ पर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका की। ज्ञानवापी परिसर में पूजा पाठ को अनवरत जारी रखने के आदेश को गलत बताते हुए सुप्रीम कोर्ट से रोक लगाने की अपील की। कहा कि चीफ जस्टिस ने मामले की सुनवाई टालते हुए मुख्य केस के साथ सुनने की बात कही। शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद समिति ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। हाईकोर्ट ने आदेश में कहा था कि जिसमें कहा गया है कि वाराणसी सिविल कोर्ट के समक्ष लंबित हिंदू पक्षों द्वारा सिविल मुकदमों का एक बैच पूजा स्थल अधिनियम 1991 के अनुसार वर्जित नहीं है।


मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने उच्च न्यायालय के 19 दिसंबर के इस आदेश के खिलाफ अंजुमन इंतजामिया मसाजिद वाराणसी द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई की। अदालत ने इस मुद्दे पर अन्य विशेष अनुमति याचिकाओं के साथ मस्जिद समिति की नवीनतम याचिका का •ाी निर्देश दिया। राज्य सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे दो निजी वकीलों की ओर से पेश हुए। मसाजिद कमेटी की दलीलों का जवाब दिया।
मसाजिद इंतजामिया कमेटी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने कहा कि एसएलपी जो आज सूचीबद्ध है, वह सबसे पुराने मुकदमे (1991 के मुकदमे) को बनाए रखने योग्य रखने वाले उच्च न्यायालय के आदेश का हम विरोध करते हैं। उसके खिलाफ कोर्ट से रोक लगाने की गुहार करते हैं। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ बाद के मुकदमों (2021 में दायर और बाद में पूजा के अधिकार की मांग) से संबंधित अन्य एसएलपी दायर की गई हैं, जो आज सूचीबद्ध नहीं हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले आयुक्त की नियुक्ति में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। मुकदमों के संबंध में अंजुमन इंतेजेमिया मसाजिद कमेटी वाराणसी द्वारा दायर की गई पिछली याचिकाएं शीर्ष न्यायालय के समक्ष लंबित हैं। पीठ ने वर्तमान मामले को संबंधित मामलों के साथ टैग करने का निर्णय लिया।