गंगा में उफान से काशी में तबाही, 6 हजार परिवारों ने छोड़ा घर, बाढ़ की वजह से लोग घरों में कैद

 गंगा में उफान से काशी में तबाही, 6 हजार परिवारों ने छोड़ा घर, बाढ़ की वजह से लोग घरों में कैद

वाराणसी (रणभेरी):  महादेव की नगरी काशी इस समय गंगा की उफनती लहरों से जूझ रही है। गंगा खतरे के निशान को पार कर गई है। लगातार हो रही बारिश और सड़कों-गलियों में भरे बाढ़ के पानी की वजह से लोगों का घर से निकलना दुस्वार हो गया है। शनिवार सुबह 6 बजे गंगा 72 मीटर के पार चली गई, जिससे शहर और ग्रामीण इलाकों में बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया है। गंगा की लहरें वरुणा में भी उफान ले आई हैं। बीएचयू ट्रॉमा सेंटर तक पानी पहुंचने से सड़कों पर बाढ़ का पानी भर गया है। कई मोहल्लों, स्कूलों, दुकानों और अस्पतालों में पानी घुस गया है। पैदल चलना तो दूर, वाहन चलाना भी अब जोखिम भरा हो गया है।

प्रशासन और जनप्रतिनिधि कर रहे हैं राहत कार्य

बाढ़ के हालात को देखते हुए जिला प्रशासन ने तेजी से राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया है। मंत्री, विधायक और आला अधिकारी खुद मोर्चा संभाले हुए हैं। अब तक 5000 से अधिक परिवार अपने घर छोड़ने को मजबूर हो चुके हैं। 600 से अधिक परिवारों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है, जबकि इतने ही परिवार रिश्तेदारों और किराए के मकानों में शरण लिए हुए हैं।

बाढ़ से प्रभावित ग्रामीण इलाके

रामपुर ढाब (कृषि व आबादी प्रभावित), रामचंदीपुर, मुस्तफाबाद, छीतौना, जाल्हूपुर, लुठा, अम्बा, शिवदसा, गोबरहा, मोकलपुर, हरिहरपुर, राजापुर, तातेपुर, बभनपुरा, कुकुढ़ा, बर्थरा कला, धोबही, श्रीष्टि, रैमला, सेहवार, चांदपुर, पिपरी, डुडुवा, कैथी, टेकुरी, बर्थरा खुर्द, लक्ष्मीसेनपुर, धरहरा, रमना , टेकरी, नरोत्तमपुर, तारापुर।

पहले जानिए कौन-कौन से इलाके प्रभावित

सलारपुर, सरैया, नक्खी घाट, दानियालपुर, कोनिया, ढेलवरिया, पुल कोहना, सारनाथ, रसूलगढ़, नगवां, हुकुलगंज, अस्सी, पुष्कर तालाब, सिकरौल, पैगंबरपुर, तपोवान, रूपनपुर, सराय मोहन, कपिल धारा, बघवा नाला, मौजा हाल, डोमरी, सूजाबाद, दशाश्वमेध, राजाबाजार समेत इनसे सटे इलाके भी अब बाढ़ प्रभावित हैं।

जिला प्रशासन की मदद से 600 से अधिक परिवार बाढ़ राहत शिविर में पहुंचाए जा चुके। 600 से अधिक परिवारों ने बाढ़ के चलते किराए के मकानों, रिश्तेदारों के यहां शरण ली है। 1500 से अधिक किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। जिला प्रशासन ने 20 बाढ़ राहत शिविर तैयार किए हैं, जहां लोगों को शरण दी जा रही है। तहसील प्रशासन लोगों को भोजन, दवा उपलब्ध करा रहा। पशुओं के चारे की भी व्यवस्था की गई है।

जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को रेस्क्यू करने के लिए 50 नावों के साथ NDRF की 08 बोट लगाई है। राहत शिविर में 20 हजार लंच पैकेट के सत्य फल, दूध, ब्रेड, बिस्कुट उपलब्ध कराया गया है। बाढ़ राहत शिविर में पहुंचे 300 से अधिक लोगों में दवा का वितरण किया गया। 454 बाढ़ राहत किट के वितरण के साथ पशुओं के लिए अब तक 1765 कुंतल भूसा पशुपालकों को उपलब्ध कराया गया है।