विकास की उजली चादर पर भ्रष्टाचार के स्याह धब्बे
गंगा किनारे खड़ी सदियों पुरानी इमारतें इसकी गवाह
वाराणसी (रणभेरी सं.)। काशी दुनिया की सबसे पुरानी और प्राचीन शहर है। गंगा किनारे राजघाट से लेकर सामने घाट तक खड़ी सदियों पुरानी इमारतें इसकी गवाह भी हैं। इसके अलावा ब्रिटिशकाल में बने टाउनहाल, डीएम पोर्टिको, गिरजाघर, नीचीबाग पर घंटाघर, रामनगर किला, औसनागंज स्टेट, नागरीय प्रचारिणी सभा, धर्मशाला, राजघाट पुल, बीएचयू समेत कई भवन हैं, जो 100 साल से अधिक पुराना है, लेकिन आज भी बुलंद है, लेकिन बदलते बनारस में आए दिन हो रहे नए निर्माण सवालों के घेरे में आ गए हैं। बनारस ने जब से विकास का चोला ओढ़ा, निमार्णाधीन भवन गिर रहे हैं या नए निर्माण से कथित भ्रष्टाचार की पोल खुल रही है। ताजा मामला रामनगर के बलुआघाट का है, जहां गुरुवार को निमार्णाधीन गजीबो का गुंबद गिरने से एक मजदूर की मौत हो गई। इसके पहले सारनाथ में प्रो पुअर पर्यटन विकास योजना में नवनिर्मित सड़क धंस गई थी। इसके अलावा अन्य कार्यों की गुणवत्ता पर खूब सवाल उठे थे। मई 2018 में कैंट स्टेशन के सामने निमार्णाधीन पुल का एक हिस्सा गिर गया। इसकी चपेट में आने से करीब 20 लोगों की मौत हो गई थी।
भ्रष्टाचार पर नियंत्रण में फेल
काशी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार मसौदा तैयार करने के साथ उसे धरातल पर लाने की कोशिश कर रही है, लेकिन भ्रष्टाचार पर नियंत्रण करने में पूरी तरह से फेल दिखाई दे रही है। सारनाथ में प्रो पुअर पर्यटन विकास योजना में भ्रष्टाचार का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि रामनगर बलुआ घाट में भ्रष्टाचार का जिन बाहर निकल आया। लापरवाही के चलते सारनाथ में एक आॅटो चालक, एक मजदूर और सफाई कर्मी की मौत हो चुकी है। यहां भी एक मजदूर और एक कुत्ते की मौत हो गई। अब तो सवाल उठने लगे हैं कि क्या चल रही योजनाओं में एक-दो लोगों की मौत होना तय हैं।
- तीन बार घटी घटनाएं, इस बार पड़ा भारी
रामनगर में 10.50 करोड़ रुपए से 132 मीटर लंबे बन रहे पक्के घाट को लेकर सवाल उठते रहे। क्षेत्रीय लोगों संग जनप्रतिनिधि निरीक्षण करने के साथ पर्यटन विभाग और यूपीपीसीएल को गुणवत्ता में सुधार लाने की बात करते रहे, लेकिन हुआ वही जिस बात का डर था। बीते वर्ष मई माह में पक्के घाट का निर्माण शुरू होने के साथ घटिया सामग्री के प्रयोग की शिकायतें मिलने लगी। पिछले वर्ष 16 दिसंबर को क्षेत्रीय विधायक ने अधिकारियों संग निरीक्षण किया तो सरिया, गिट्टी के साथ पत्थर मानक के विपरीत मिले। 14 जुलाई को बारिश के चलते निमार्णाधीन पक्के घाट के 30 मीटर लंबे दक्षिणी दीवार गिर गई, फिर क्षेत्रीय विधायक ने कार्रवाई करने की बात कही, लेकिन यूपीपीसीएल के अधिकारी मौन साधे रहे। पिछले सप्ताह देर रात चेंङ्क्षजग रूम की छत गिर गई थी लेकिन रात होने के चलते वहां कोई नहीं था जिससे जानमाल की हानि नहीं हुई।
- सारनाथ में धंसी थी सड़क, गिरा था पिलर
अभी ढाई माह पहले सारनाथ में विश्व बैंक के 89 करोड़ रुपये से प्रो पुअर पर्यटन विकास योजना से चल रहे सुंदरीकरण कार्य में जबर्दस्त भ्रष्टाचार सामने आया था। भ्रष्टाचार इस कदर थी कि कभी पत्थर के बने रोड लाइट का पिलर गिर रहा था तो कभी सड़क धंस जा रही थी। पाथवे बैठने के साथ सड़क पर जलभराव और नालियों से पानी नहीं निकल रहा था। सारनाथ चौराहे से बरईपुर गांव जाने वाले मार्ग पर दोपहर में सीवर लाइन के ऊपर बुलडोजर अचानक जमीन में धंसने लगा। यह देख राहगीर हैरान हो गए और चालक को बचाने के लिए दौड़ पड़े थे। यह सड़क 15 दिन पहले बनी थी। पुरातत्व संग्रहालय के पास नक्काशीदार पत्थर से बने रोड लाइट के गिरे पिलर में दबकर पांच वर्षीय शुभम गंभीर से घायल हो
गया था।