सीएम केजरीवाल की चीनी उत्पादों के बायकॉट की अपील, बोले- ''भारतीय उत्पाद भले ही दोगुने दामों में मिलें जनता उन्हीं को खरीदे"
(रणभेरी): दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद और तवांग के बाद बढ़ते तनाव भरे हालात में देश की जनता से अपील की है कि वो भारतीय बाजारों में चीन द्वारा उत्पादित, आयातित वस्तुओं का बहिष्कार करें और उनके किसी भी सामान को खरीदने की बजाय स्वदेशी सामानों पर अपनी आत्मनिर्भरता बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि हम चीनी उत्पाद नहीं बल्कि स्वदेशी उत्पाद खरीदेंगे भले ही उसकी कीमत चीनी उत्पाद की तुलना में दोगुनी क्यों ना हो। इससे पहले अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीनी सैनिकों से भारतीय सैनिकों की झड़प की खबरों के बीच आप के संयोजक केजरीवाल ने इसकी निंदा की थी। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि हमारी सेना के जवान देश की शान हैं। मैं उनके शौर्य को सलाम करता हूं। साथ ही भगवान से उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस बयान से पहले ही दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित अपनी दुकानों को चलाने वाले व्यवसायियों ने चीनी सामानों के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने इस संबंध में पहल करते हुए केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को एक पत्र लिखा है। सीटीआई ने केंद्रीय मंत्री गोयल में मांग की है कि चीन के साथ माल और ई-कॉमर्स नीति के आयात में बदलाव की जाए और उसके साथ वाणिज्यिक क्षेत्र में भी सख्ती बरती जाए। इसके साथ ही पत्र में यह भी कहा गया है कि विदेशों से आने वाली सभी तरह की वस्तुओं पर उत्पाद वाले मूल देश का नाम लिखना अनिवार्य किया जाए ताकि किसी वस्तु को खरीदते समय उपभोक्ताओं को पता लग सके कि उत्पाद किस देश का है और अगर उत्पाद चीन का हुआ तो जनता उसका बड़े पैमाने पर बहिष्कार करेगी।
इस संबंध में सीटीआई प्रमुख बृजेश गोयल ने कहा कि भारतीय बाजारों में उपलब्ध सामानों में उपभोक्ताओं को यह पता नहीं चल पाता है कि जिस सामान का वो क्रय कर रहे हैं, उसका निर्माण किस देश में हुआ है। उन्होंने कहा कि देश की जनता में चीन के प्रति बेहद गुस्सा है और लोग चीनी उत्पादों का बॉयकॉट करना चाहते हैं लेकिन उसमें परेशानी ये आ रही है कि उत्पाद पर मूल देश का नाम नहीं अंकित होता है इस कारण न चाहते हुए उन्हें चीनी सामानों को खरीदना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि उत्पाद पर 'मूल देश' लिखा है, तो भारतीय जनता बहुत आसानी से चीनी सामानों का बॉयकॉट कर सकती है। इसलिए सीटीआई ने केंद्र सरकार से मांग की है कि वो ऐसी नीति बनाए कि जनता को उत्पाद की सारी जानकारी मिले और उसके बाद वो चीनी सामानों को कूड़ेदान में फेंक सके।