सीएम हेमंत सोरेन ने जीता विश्वासमत, भाजपा ने किया सदन का बहिष्कार
(रणभेरी): झारखंड विधानसभा में जारी सियासी संकट के बीच सीएम हेमंत सोरेन ने आज राज्य विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया। उन्हें 48 विधायकों का समर्थन मिला, जो बहुमत के आंकड़े से ज्यादा है। मतदान के दौरान भाजपा विधायकों ने वॉकआउट किया। ऐसे में अब प्रदेश में उनकी सरकार बनी रहेगी। सरकार के पक्ष में 48 वोट पड़े हैं। वहीं, भाजपा ने सदन से वॉक आउट कर दिया। साथ ही विधानसभा की कार्रवाही अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित कर दी गई है।
विश्वास मत के लिए आज विधानसभा विशेष सत्र बुलाया गया। सत्र के लिए महागठबंधन सरकार के समर्थक 29 विधायकों को छह दिन बाद रविवार को रायपुर से रांची लाया गया था। विश्वास मत की कार्रवाई में राज्य के तीन कांग्रेस विधायक शामिल नहीं हो सके, क्योंकि वे कैश कांड में फंसे हैं। ये विधायक हैं, डॉ इरफान अंसारी, नमन विक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप। उन्हें हाईकोर्ट ने कोलकाता छोड़ने की इजाजत नहीं दी है।
विश्वास मत प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने भाजपा का नाम लिए बिना उस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा,'वे ऐसा माहौल बनाना चाहते हैं जहां दो राज्य एक दूसरे के खिलाफ खड़े हों। वे गृहयुद्ध का माहौल बनाना चाहते हैं और चुनाव जीतने के लिए दंगे भड़काना चाहते हैं, लेकिन जब तक यहां यूपीए सरकार है, तब तक ऐसी साजिश सफल नहीं हो सकेगी। आपको करारा राजनीतिक जवाब मिलेगा।
विधानसभा की दलीय स्थिति
कुल सीटें 81, बहुमत 42, झामुमो 30, कांग्रेस 15 अन्य 3 भाजपा 26, आजसू 2, निर्दलीय 2
भाजपा ने राज्यपाल रमेश बैस से शिकायत की थी कि सीएम सोरेन व उनके परिवार ने एक खदान की लीज हासिल करने के लिए पद का दुरुपयोग किया है, इसलिए उन्हें अयोग्य करार दिया जाए। इस शिकायत को जांच के लिए राज्यपाल ने चुनाव आयोग को भेजा था। चुनाव आयोग ने इस पर सीएम सोरेन को नोटिस जारी कर उनका और शिकायतकर्ता भाजपा का पक्ष सुनने के बाद अपनी सिफारिश राज्यपाल को भेज दी है। विधानसभा में सीएम सोरेन को उम्मीद के अनुरूप समर्थन हासिल हुआ। विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 48 वोट पड़े। उनकी सरकार को बहुमत के लिहाज से कोई खतरा नहीं था। उन्हें अपनी पार्टी झामुमो के 30, कांग्रेस के 15 (कैश कांड में लिप्त तीन विधायकों को छोड़कर), राजद, भाकपा माले तथा एनसीपी के एक-एक विधायक का समर्थन प्राप्त है।