बिहार रुझानों में बीजेपी की बढ़त पर काशी में जश्न

बिहार रुझानों में बीजेपी की बढ़त पर काशी में जश्न
  • ढोल-नगाड़ों की थाप पर सड़क पर उतरे भाजपा समर्थक, वाराणसी में बना उत्सव जैसा माहौल
  • पीएम मोदी के पोस्टर को मिठाई खिलाकर जताई खुशी, बीजेपी नेता बोले - विकास की जीत, विपक्ष को छठ मां का श्राप

वाराणसी (रणभेरी): बिहार विधानसभा चुनाव के प्रारंभिक रुझानों ने बुधवार सुबह ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके कार्यकर्ताओं के बीच नई ऊर्जा भर दी। शुरुआती गिनती में भाजपा और सहयोगी दल एनडीए कई सीटों पर बढ़त बनाए हुए थे। हालांकि अंतिम नतीजों के आने में समय था, लेकिन केवल रुझानों ने ही भाजपा खेमे में जश्न का माहौल पैदा कर दिया। इस राजनीतिक उत्साह की गूंज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी तेज़ी से सुनाई पड़ी, जहां पार्टी समर्थक सड़कों पर उतरे और चुनावी रुझानों को संभावित जीत के रूप में मनाने लगे।

सुबह-सुबह जैसे ही टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर रुझान तेज हुए, वाराणसी के प्रमुख इलाकों में हलचल बढ़ने लगी। भाजपा कार्यालयों पर समर्थकों की भीड़ उमड़ने लगी। लंका, मैदागिन, गोदौलिया से लेकर कैन्टोनमेंट तक कार्यकर्ता पार्टी के झंडे लहराते हुए दिखाई दिए। माहौल इतना उत्साहित था कि समर्थकों ने नारेबाज़ी करते हुए ढोल-नगाड़ों का बंदोबस्त कर लिया। कुछ ही देर में सड़कें भाजपा ज़िंदाबाद, जय श्री राम और मोदी-मोदी के नारों से गूंज उठीं।

काशी में भाजपा कार्यकर्ताओं का उत्साह इस कदर था कि कई जगहों पर समर्थकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पोस्टर और कटआउट को मिठाइयाँ खिलाकर अपनी प्रसन्नता जाहिर की। कार्यकर्ताओं ने कहा कि बिहार के रुझान जनता के विश्वास और विकास की राजनीति का परिणाम हैं। सड़क किनारे खड़े कार्यकर्ता पटाखे जलाते दिखे, वहीं कई युवा समर्थक पूरे जोश के साथ नृत्य करते हुए चुनावी माहौल को और भी रोमांचक बना रहे थे। पार्टी कार्यालयों में पहुंचे स्थानीय नेताओं ने भी कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाया। कई नेताओं ने दावा किया कि रुझान जनादेश का संकेत हैं और बिहार की जनता ने एक बार फिर विकास के मॉडल पर मुहर लगाई है। वाराणसी के युवा नेता अनूप ने कहा कि यह जीत केवल भाजपा की नहीं, बिहार की जनता के विश्वास की जीत है। बिहार की जनता ने विकास, सुरक्षा और स्थिरता को ध्यान में रखते हुए वोट दिया था। विपक्ष को तो इस बार छठ मां का भी श्राप लगा है, इसलिए वे पिछड़ रहे हैं। कार्यकर्ताओं ने इसे बिहार और काशी का साझा उत्सव बताया। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की राजनीति में एक सकारात्मक बदलाव आया है, जिसका प्रभाव बिहार से लेकर काशी तक साफ दिख रहा है। कई स्थानों पर लोगों ने लड्डू, रसगुल्ले और पेड़े बांटकर खुशी साझा की। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी की सहभागिता ने माहौल को एक त्यौहार जैसा बना दिया। समर्थकों के मुताबिक, चुनाव के ये रुझान भाजपा के संगठनात्मक ढांचे, बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के परिश्रम और केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों पर जनता के भरोसे का परिणाम हैं।

काशी के कई भाजपा कार्यकर्ताओं का मानना है कि यह बढ़त अंतिम नतीजों में और भी मजबूत होगी। हालांकि कुछ वरिष्ठ नेताओं ने संयम बरतने की अपील भी की और कहा कि जब तक आधिकारिक परिणाम घोषित नहीं हो जाते, जश्न सीमित रखा जाए। रुझानों के आते ही सोशल मीडिया भी भाजपा समर्थकों के लिए उत्सव का मंच बन गया। वॉट्सऐप ग्रुपों में बधाइयों का तांता लग गया और फेसबुक-ट्विटर पर हजारों पोस्ट शेयर होने लगे। चुनावी विश्लेषणों के बीच वाराणसी के लोग अपने क्षेत्रीय सांसद के नेतृत्व की सराहना करते नजर आए। कुल मिलाकर, बिहार के चुनावी रुझानों ने वाराणसी को एक बार फिर राजनीतिक रंगों से सजाया। ढोल-नगाड़ों की गूंज, कार्यकर्ताओं का नृत्य और मिठाइयों की मिठास ने शहर के माहौल को उत्सव में बदल दिया। सभी की निगाहें अब अंतिम नतीजों पर टिकी हैं, मगर काशी में जारी जश्न इस बात का संकेत है कि यहां का मन भाजपा की बढ़त से बेहद खुश है।