भदैनी सामूहिक हत्याकांड का आरोपी विक्की गिरफ्तार, चाचा-चाची की हत्या के बाद तलाश में थी पुलिस, एक लाख था इनामिया था भतीजा

वाराणसी (रणभेरी): भेलूपुर थाना क्षेत्र में पांच लोगों की नृशंस हत्या के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। एक लाख के इनामी मुख्य आरोपी विशाल गुप्ता उर्फ विक्की और उसके भाई प्रशांत गुप्ता उर्फ जुगनू को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनों भाइयों को सीरगोवर्धनपुर लौटू बीर मंदिर के पास दोपहर 1:15 बजे पकड़ा गया। पुलिस ने खुलासा करते हुए बताया कि पहले राजेंद्र गुप्ता को रोहनिया स्थित उनके निर्माणाधीन मकान में मारा गया। इसके बाद भदैनी स्थित घर में घुसकर चाची नीतू गुप्ता, 22 वर्षीय नवनेन्दु, 16 वर्षीय शुभेन्दु और 17 वर्षीय गौरांगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। वारदात के बाद आरोपी बिहार और कोलकाता फरार हो गए थे। गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा किया।
विशाल गुप्ता और प्रशांत गुप्ता ने बदला लेने के लिए इस हत्याकांड को अंजाम दिया। उनका आरोप था कि साल 1997 में उनके चाचा राजेंद्र गुप्ता ने उनके माता-पिता और दादा की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद से राजेंद्र गुप्ता और उनका परिवार दोनों भाइयों के साथ नौकरों जैसा व्यवहार करता था, मारपीट करता था। 2022 में राजेंद्र और उसके बेटे ने विशाल गुप्ता को बेरहमी से पीटा और कई दिनों तक घर में बंद रखा। इसके बाद ही विशाल ने बदला लेने की योजना बनाई और प्रशांत के साथ मिलकर हत्या का प्लान बनाया। हत्या को अंजाम देने के लिए विशाल और प्रशांत ने बिहार से दो पिस्टल खरीदीं और फर्जी आईडी पर कई सिम कार्ड लिए। वारदात के बाद पुलिस से बचने के लिए विशाल पटना, कोलकाता और मुंबई रेलवे स्टेशनों पर छिपा रहा। भाई प्रशांत से वह इंस्टाग्राम के जरिए संपर्क करता था।
6 फरवरी 2025 को जब विशाल गुप्ता पैसे लेने वाराणसी आया तो पुलिस ने दोनों भाइयों को पकड़ लिया। इनके पास से पुलिस के 5 मोबाइल फोन और सिम कार्ड, 26,000 रुपये नकद, एक एयरटेल पोर्टेबल वाई-फाई (डोंगल) बरामद हुआ है। इस बड़ी सफलता के लिए पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने गिरफ्तारी करने वाली टीम को एक लाख रुपये का नगद पुरस्कार दिया और सर्विलांस प्रभारी दिनेश कुमार यादव को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया।
बता दें कि, भदैनी निवासी राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, उसकी पत्नी नीतू और बच्चों नमनेंद्र, सुबेंद्र और गौरांगी का शव 5 नवंबर को उनके घर में मिला। जिनकी हत्या का आरोप उसके भतीजे विक्की पर है। विक्की का अब तक पता नहीं लग सका है। सीपी मोहित अग्रवाल ने पांच राज्यों में टीमें लगा रखीं है, लेकिन अभी कोई मजबूत कड़ी हाथ नहीं लगी है। भदैनी पावर हाउस के सामने की गली में राजेंद्र गुप्ता का 5 मंजिला मकान है। इसमें ही 5 नवंबर की दोपहर राजेंद्र गुप्ता की पत्नी नीतू गुप्ता (42), दो बेटे नवनेंद्र (25), सुबेंद्र (15) और बेटी गौरांगी (16) की लाश मिली थी। सभी की गोली मारकर हत्या की गई थी।
पुलिस ने राजेंद्र गुप्ता (45) का फोन ट्रेस किया। इसकी लोकेशन रोहनिया के मीरापुर रामपुर गांव में मिली। पुलिस वहां पहुंची तो निर्माणाधीन मकान में बिस्तर पर राजेंद्र गुप्ता की न्यूड लाश मिली थी। उन्हें 3 गोलियां मारी गई थीं। दोनों ही घटनास्थल से मिले खोखा के आधार पर पुलिस दावा कर रही है कि पांचों लोगों की हत्या में .32 बोर की पिस्टल का इस्तेमाल किया गया। पुलिस पुराने विवाद और घटनाओं को ध्यान में रखकर जांच कर रही है।
वारदात के 90 दिन बाद लगा हाथ
5 नवंबर को हुई हत्या के 90 दिन बाद भी पुलिस के हाथ विक्की लगा है, भेलूपुर थाने में पुलिस अधिकारी उससे पूछताछ कर रहे हैं। विक्की का फोन 23-24 अक्टूबर की रात से ही स्विच ऑफ था, बताया गया कि किसी से बात नहीं हुई। कई बार उसका नंबर नया होता था और नए शहर से फोन करता था।
एक महीने पहले पुलिस ने बजवाई थी डुगडुगी
वारदात के 60 दिन बाद 7 जनवरी मंगलवार को भेलूपुर थाना की पुलिस भदैनी स्थित राजेंद्र गुप्ता के आवास पर पहुंची थी, जिस घर में हत्यारोपी विक्की की दादी भी रहती हैं। पुलिस ने पहले विशाल उर्फ विक्की गुप्ता के घर की तस्दीक करते हुए कोर्ट के नोटिस को पढ़ते हुए डुगडुगी बजवाना शुरू किया। लोगों को जुटाकर बताया गया था कि हत्यारोपी विक्की की तलाश जारी है, उसके हाजिर या गिरफ्तार नहीं होने पर पुलिस हत्यारोपी की संपत्ति कुर्क करेगी।
कोर्ट के आदेश पर मकान और दुकान समेत संपत्ति में हिस्से की कुर्की और नीलामी की प्रक्रिया अमल में लगाई जाएगी। इसके बाद दरोगा ने नोटिस चस्पा कर दिया था। उधर, पीड़ित परिवार की अकेली बची राजेंद्र गुप्ता की बुजुर्ग मां शारदा देवी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए निवेदन किया था कि पुलिस उनके मकान की कुर्की की कार्रवाई को रोकने के निर्देश दे।