काशी में पूजा पंडालों में ‘गुफा’ नुमा द्वार पर रोक: गणेश उत्सव व दुर्गा पूजा के लिए फायर ब्रिगेड की सख्त एडवाइजरी

काशी में पूजा पंडालों में ‘गुफा’ नुमा द्वार पर रोक: गणेश उत्सव व दुर्गा पूजा के लिए फायर ब्रिगेड की सख्त एडवाइजरी

वाराणसी (रणभेरी): वाराणसी में इस बार दुर्गा पूजा और गणेश उत्सव के दौरान पंडालों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। समितियों को अब पंडाल के प्रवेश और निकास द्वार ‘गुफा’ की आकृति में बनाने की अनुमति नहीं होगी, ताकि किसी आपात स्थिति में लोग फंस न जाएं। हाल ही में आत्मा विरेश्वर मंदिर में आरती के दौरान हुई आग की घटना के बाद यह निर्णय लिया गया है।

फायर ब्रिगेड से अनिवार्य एनओसी

मुख्य अग्निशमन अधिकारी आनंद सिंह राजपूत ने बताया कि पंडाल का निर्माण शुरू होते ही फायर ब्रिगेड की टीम सक्रिय होकर निरीक्षण करेगी। सभी समितियों को पंडाल के लिए फायर डिपार्टमेंट से एनओसी लेना अनिवार्य होगा। प्रवेश और निकास द्वार अलग-अलग होंगे तथा उनकी चौड़ाई कम से कम 5 मीटर रखी जाएगी। पंडालों में अग्निशमन यंत्र और आग बुझाने के पर्याप्त इंतजाम करना अनिवार्य है।

बिजली सुरक्षा के नियम भी सख्त

पंडाल न तो विद्युत तारों के नीचे बनेंगे और न ही ट्रांसफॉर्मर के पास। आयोजकों को बिजली विभाग से अस्थायी कनेक्शन लेना होगा, ताकि किसी तरह का शॉर्ट सर्किट या आग की आशंका कम हो।

काशी में 386 पूजा पंडाल

दुर्गा पूजा को लेकर वाराणसी को ‘मिनी बंगाल’ भी कहा जाता है। इस वर्ष जिले में 386 स्थानों पर दुर्गा पूजा पंडाल बनेंगे, जिनमें से 150 से अधिक भव्य और आकर्षक होंगे। पूर्वांचल सहित अन्य शहरों से लाखों लोग इन पंडालों को देखने पहुंचते हैं। भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने पहले से ही आग और भगदड़ जैसी घटनाओं की रोकथाम के लिए तैयारी शुरू कर दी है।