खुदरा के बाद अब थोक महंगाई भी बढ़ी, आम जनता को बड़ा झटका
(रणभेरी): आम आदमी को दो दिनों में दो बड़े झटके लगे हैं।आम लोगों को महंगाई से राहत मिलने की कोई उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को महंगाई में इजाफे के ऊपर दिए अपने एक बयान में कहा कि नवंबर 2021 में मुद्रास्फीति की उच्च दर, मुख्य रूप से पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में खनिज तेलों, मूल धातुओं, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, रसायन और रासायनिक उत्पादों, खाद्य उत्पादों आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है।
खुदरा महंगाई (Retail Inflation) के बाद अब थोक महंगाई (Wholesale Inflation) भी बढ़ गई है। खाने-पीने की चीजों के दाम पांच महीने में सबसे अधिक हो गए हैं। एक साल में सबसे अधिक है थोक महंगाई थोक कीमतों पर आधारित WPI Inflation नवंबर में एक साल के उच्चतम स्तर 14.23 फीसदी पर पहुंच गया। इसका सबसे बड़ा कारण खाने-पीने की चीजों के दाम (Food Prices) में आई तेजी है।
सोमवार को खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी किए गए थे। अक्तूबर महीने की तुलना में खुदरा मुद्रास्फीति की दर बढ़कर आम आदमी को लगा झटका, खुदरा महंगाई बढ़कर 4.91 फीसदी पर पहुंच गई है। सरकार की ओर से खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं। खुदरा महंगाई में महीने-दर-महीने तेजी देखने को मिल रही है। इससे पहले अक्तूबर में खुदरा महंगाई का आंकड़ा 4.48 फीसदी था। नवंबर में भी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में तेजी से खुदरा महंगाई में इजाफा होने की बात कही जा रही है। हालांकि, यह अब भी आरबीआई के तय लक्ष्य के दायरे में है।