मजिस्दों से घरों तक गूंज रहीं कुरान की आयतें

 मजिस्दों से घरों तक गूंज रहीं कुरान की आयतें

गाजीपुर। मुकद्दस रमजान की पाकीजगी हर ओर छाई है। घरों और मस्जिदों में कुरान की आयतें गूंज रही हैं। दिनभर भूख, प्यास को बर्दाश्त कर रोजेदारों ने अल्लाह की इबादत में रविवार को छठवां रोजा पूरा किया। रोजेदारों ने शाम को मस्जिदों और घरों में रोजा खोलकर अपने रब का शुक्र अदा किया। दारुल उलूम अहले सुन्नत मदरसा गौसिया बारा के प्रिंसिपल मौलाना कलीमुद्दीन शम्सी ने कहा कि रमजानुल मुबारक वह मुकद्दस महीना है, जिसमें अल्लाह ने इंसानों की भलाई के लिए सबसे पाकीजा किताब कुरान मजीद नाजिल की है। उन्होंने कहा कि लोगों को अपना अधिक से अधिक समय कुरआन की तिलावत करते हुए इबादत में गुजारना चाहिए। रमजान के महीने को अल्लाह ने अपना महीना कहा है। रमजान के महीने में अल्लाह अपने बंदों की दुआओं को कबूल करता है। रोजेदारों के लिए समंदर की मछलियां तक दुआ करती हैं। रोजेदारों को इस मुबारक महीने में गरीबों और यतीमों का ज्यादा ख्याल रखना चाहिए। इस मुबारक महीने का हर लम्हा रहमतों और बरकतों वाला है। मौलाना नज़ीरुल ने कहा कि रमजान करीम के बारे में मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया है कि यह सब्र का महीना है और सब्र का बदला जन्नत है। यह लोगों के साथ अच्छा सुलूक और खैरख्वाही करने का सबक देता है। इस महीने में मोमिन का रिज्क बढ़ा दिया जाता है और जो आदमी इस मुबारक महीने में किसी रोजा रखने वाले रोजेदार को इफ्तार कराता है, तो उसको बहुत बड़ा सवाब मिलता है। उसके गुनाह माफ कर दिए जाते हैं और उसे जहन्नम से आजाद कर दिया जाता है।