आजादी के अमृत महोत्सव पर 51 हजार लोगों ने एक साथ गाया वंदे मातरम

आजादी के अमृत महोत्सव पर 51 हजार लोगों ने एक साथ गाया वंदे मातरम

(रणभेरी): लखनऊ के केडीसिंह बाबू स्टेडियम में आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में 51 हजार लोगों ने एक साथ वंदे मातरम गाया और भारत माता की जय के नारे लगाए। इस मौके पर योगी आदित्यनाथ देश की सुरक्षा में शहादत देने वाले सैनिकों के परिजनों को सम्मानित किया। इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस भव्य आयोजन के लिए आप सबको बधाई। इस तरह के आयोजन यह बताने के लिए हैं कि आजादी मांगने से नहीं मिली है बल्कि इसके लिए लम्बा संघर्ष हुआ है।

इस संघर्ष को देश, वर्तमान व भावी पीढ़ी समझ सके इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के 75 वर्ष को अमृतकाल के रूप में मान्यता देकर हर एक नागरिक से इस अमृतकाल के महत्व को समझने का आआग्रह किया है। यह उस देश के महान सपूतों के संकल्प से जुड़ने का आग्रह है जिनके कारण भारत स्वाधीन हुआ। प्रथम स्वातंत्र्य समर 1857 में देखने को मिला था। इसका केंद्र बिंदु उत्तर प्रदेश बना था। मंगल पांडे से लेकर रानी लक्ष्मीबाई, अवंतीबाई, ऊदा देवी का संघर्ष, चौरी चौरा, काकोरी, धनसिंह कोतवाल जैसे वीरों ने इसमें अपने-अपने तरह से योगदान दिया। आज उसी का परिणाम है कि एक तरफ देश की आजादी के अमृत महोत्सव व दूसरी तरफ चौरी चौरा का शताब्दी महोत्सव मनाया जा रहा है।

साथ ही उन्होंने कहा कि इस सदी की सबसे बड़ी महामारी के दौरान भारत पीपीई किट व सैनिटाइजर के लिए परेशान हुआ पर आज वही भारत दुनिया के अन्य देशों को ये सब उपलब्ध करवा रहा है। यह भारत के बढ़े हुए आत्मविश्वास को दिखाता है। महामारी के दौरे में जीवन व जीविका को बचाने की दिशा में भारत काम कर रहा है। भारत के वैज्ञानिकों की वैक्सीन 135 करोड़ जनता के साथ मित्र देशों को उपलब्ध हो रही है।

केंद्र व राज्य की सरकार एक ओर तो सीमाओं की रक्षा वहीं दूसरी ओर सांस्कृतिक धरोहर को आगे बढ़ाने का काम कर रही है। एक तरफ जहां आयुष्मान भारत के तहत गरीबों को 5 लाख का स्वास्थ्य बीमा दिया जा रहा है तो रसाई गैस और निःशुल्क बिजली देकर उनके जीवन को बेहतर बनाने का काम भी किया जा रहा है। नए भारत की नई तस्वीर पूरे देश व विश्व के सामने उभर रही है।