योगी सरकार 50 पार वाले भ्रष्ट अधिकारियों को जबरन करेगी रिटायर
(रणभेरी): उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में संकल्प पत्र के वादे पूरे करने के बाद बचे हुए वादों को पूरा करने में जुट गए हैं। भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों पर लगाम कसने को तैयार है। सीएम योगी हर विभाग के अधिकारियों के विकास कार्य को धरातल पर देखना चाहती है। वह अधिकारी जिनके काम की जमीनी हकीकत बातों से अलग है, उनके खिलाफ सरकार कड़ा रवैया अपनाने को तैयार है। उन्होंने विभागों को समीक्षा के दौरान स्पष्ट निर्देश दिया है कि अब बेईमान भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए सरकार में कोई जगह नहीं है। इनको तत्काल वीआरएस देकर नई भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जानी चाहिए। ऐसे सभी कर्मचारियों की स्क्रीनिंग कर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने सभी विभागों में 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके कर्मचारियों की स्क्रीनिंग 31 जुलाई तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने इस बारे में सभी विभागों को शासनादेश जारी कर दिया है।
मुख्य सचिव ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव को निर्देश दिया है कि वे 50 वर्ष पार कर चुके कार्मिकों के संदर्भ में स्क्रीनिंग की कार्यवाही कराकर अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त किये गए कार्मिकों की सूचना निर्धारित प्रारूप पर अपने हस्ताक्षर से कार्मिक विभाग को 15 अगस्त तक उपलब्ध करा दें। शासनादेश में यह भी कहा गया है कि 50 वर्ष की आयु पूरी करने वाले किसी सरकारी सेवक के मामले को स्क्रीनिंग कमेटी के सामने रखने पर यदि उसे सेवा में बनाये रखने का एक बार निर्णय ले लिया गया है तो सामान्यत: उस सरकारी सेवक को उसकी सेवानिवृत्ति आयु प्राप्त करने तक सेवा में बनाये रखा जाए।
ऐसे कार्मिकों के मामलों को आगामी वर्षों में स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष फिर से रखने की जरूरत नहीं है। ऐसे मामलों में यदि कोई महत्वपूर्ण तथ्य नियुक्ति प्राधिकारी की जानकारी में आते हैं तो वे किसी भी समय ऐसे सरकारी सेवक को जनहित में अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त करने का निर्णय ले सकते हैं। वे उसका मामला भविष्य में स्क्रीनिंग कमेटी के सामने भी रख सकते हैं।