नए साल पर वाराणसी में उमड़ेगा सैलाब

नए साल पर वाराणसी में उमड़ेगा सैलाब

तीन महीने पहले से ही देश-विदेश के पर्यटकों ने करा ली है होटलों की बुकिंग

एक हफ्ते में 45 लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद,1500 करोड़  का रेवेन्यू मिलने की संभावना 

वाराणसी (रणभेरी सं.)। काशी में नये साल पर पहली सुबह देखने का क्रेज है। बनारस के होटलों, गेस्ट हाउस, होम स्टे और पीजी में हुई जबरदस्त बुकिंग इसका प्रमाण हैं। 28 दिसंबर से ही बड़ी संख्या में देश-विदेश के पर्यटक, श्रद्धालु बनारस पहुंचने लगेंगे। पहली जनवरी तक होटलों के कमरे फुल हैं। मांग बढ़ने पर होटलों, गेस्ट हाउसों में कमरों की कीमत 20- 30 प्रतिशत बढ़ गई है। पर्यटकों ने नावों और कूज की भी एडवांस बुकिंग कराई है। गंगा किनारे के होटलों, होम स्टे में पर्यटकों ने दो से तीन माह पहले ही बुकिंग करा ली थी। कुछ कमरों को रिजर्व रखा गया था उन्हें अब 30 प्रतिशत तक रेट बढ़ाकर बुक किया जा रहा है। पर्यटकों ने बनारस में नये साल की शुरूआत के साथ अयोध्या, प्रयागराज, श्रृंगवेरपुर, चित्रकूट जाने के लिए कैब की बुकिंग कराई है। जिससे अगले चार पांच दिनों तक बनारस की लगभग सभी कैब बुक हैं। टैंपो ट्रैवेलर से लेकर छोटी कार की बुकिंग एक से दो रुपये प्रति किमी अधिक रेट पर भी पर्यटक बुक कर रहे हैं। वाराणसी टूरिज्म गिल्ड के अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह एवं सचिव अनिल त्रिपाठी ने कहा कि नये साल पर बनारस में रहने का लोगों में जबरदस्त क्रेज है, जिसका पर्यटन कारोबार पर अच्छा प्रभाव पड़ रहा है।

वाराणसी में नए साल के सेलिब्रेशन के लिए पर्यटकों का हुजूम उमड़ रहा है। धार्मिक नगरी के अधिकतर होटल और लॉज खाली नहीं हैं। 28 दिसंबर से 3 जनवरी तक फेस्टिव सीजन में 45 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस हफ्ते में वाराणसी में 1500 करोड़ रुपये के रेवन्यू आ सकता है। 
वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन नए साल पर आने वाले श्रद्धालुओं को लेकर अपनी तैयारी कर रहा है। विश्वनाथ मंदिर के एसडीएम शंभू शरण ने बताया कि पहली जनवरी 2024 को साढ़े सात लाख से ज्यादा लोगों ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए थे। इस बार कुम्भ का भी असर है। पिछले तीन सालों का आंकड़ा देखे तो इस बार आठ लाख से ज्यादा श्रद्धालु तो साल के पहले दिन ही दर्शन करेंगे। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए ही अपनी तैयारी की है। स्पर्श दर्शन पर रोक लगा दी गई है और ज्यादा से ज्यादा बैरेकेडिंग की व्यवस्था की गई है। एसडीएम का कहना है कि खास बात ये है कि कुल श्रद्धालुओं का चालीस फीसदी युवा हैं। इस हिसाब से एक हफ्ते में करीब 45 लाख लोगों के बनारस आने का अनुमान है। हालांकि , उसका कितना और कैसा असर बाकी चीजों पर पड़ता है, इसको ठीक ठीक बताना मुश्किल है। लेकिन सीधे-सीधे अगर बात करें तो पर हेड 3000 का रेवेन्यू तो इस शहर को अगले एक हफ्ते में मिलने जा रहा है। उसमें एक हिस्सा प्रसाद और दक्षिणा के रूप में मंदिर और पुजारियों को भी मिलता है। लेकिन वो भी शहर की ही कमाई का हिस्सा है। प्रोफेसर अनूप मिश्रा ने बताया कि पीक फेस्टिव सीजन में यानी कि 28 दीसंबर से तीन जनवरी के बीच वाराणसी को 1500 करोड़ का रेवेन्यू मिलने जा रहा है।

होटल हुए फुल, रूम के रेट दोगुना

होटल सेक्टर से जुड़े शैलेश त्रिपाठी का कहना है कि आप को इस समय ताज में कमरा नही मिल सकता है सब फुल हैं। सामान्य टैरिफ के मुकाबले जस्ट डबल रेट पर। जो कमरे 9000 के थे उनके रेट 17000 प्लस चल रहा है। बनारस का सबसे महंगा होटल नदेसर पैलेस के सभी रूम फुल हैं। वह कहते हैं कि इससे समझ लीजिए की इस समय होटलों की क्या स्थिति है। कोई विदेशी यहां नही ठहरे हैं, ये सब डोमेस्टिक टूरिस्ट हैं। शहर के बाकी होटलों और लॉज की भी यही स्थिति है। 30 फीसद से 50 फीसद तक कमरे इस एक हफ्ते में आपको महंगे मिलेंगे। गाड़ियों के मामले में रेट इतना नही बढ़ता है। आस पास के स्टेट के लोग खुद की गाड़ी से आना पसंद करते हैं। फिर भी टेम्पो ट्रेवलर से लेकर छोटी गाड़ियों का रेंट 20 फीसद तक तो बढ़ ही जाता है।

ये सस्ते विकल्प भी मौजूद

टूरिज्म सेक्टर से ही जुड़े अभिषेक शर्मा का कहना है कि ऐसा नही है कि सभी महंगे होटलों में ही रुके। बनारस में कई ऐसे विकल्प भी हैं जहां कम खर्च में आप रुक सकते हैं और लोग रुकते भी हैं। विश्वनाथ मंदिर का अपना धर्मशाला है, जहां सिंगल, डबल और एसी /नॉन एसी रूम अवेलेबल हैं। पार्किंग की भी व्यवस्था है। कैंट रेलवे स्टेशन पर श्रीकृष्णा धर्मशाला एक अच्छा विकल्प है।

पहले करा लें बुकिंग

कहने का मतलब है कि बनारस में कम पैसों में भी आप रुक सकते हैं। लेकिन इन जगहों पर बुकिंग कम से कम पंद्रह दिन पहले करा लिया जाए नही तो ये वो जगह हैं जो सबसे पहले फुल होते हैं। 
सस्ते जगहों पर रुकने वाले खर्च कम करते हैं, ये भी सोचना गलत है। वो भी दर्शन पूजन के साथ साथ बनारस घूमने और यहां के बनारसी ब्रोकेड और साड़ियों में दिलचस्पी दिखाते हैं। ओयो की रिपोर्ट में भी बनारस सबसे ज्यादा डोमेस्टिक टूरिस्ट फ्रेंन्ड्ली प्लेस के रूप में शुमार है।