काशी में पहुंचा भव्य ‘गंगोत्री’ क्रूज, यात्रियों को मिलेगा 5 स्टार होटल जैसा अनुभव, जानें- खासियत

वाराणसी (रणभेरी): गंगा किनारे बसी सांस्कृतिक नगरी काशी में फाइव स्टार सुविधाओं वाला गंगोत्री क्रूज बुधवार की शाम रविदास घाट पर पहुंच गया। यह क्रूज 16 जुलाई को कोलकाता से काशी के लिए रवाना हुआ था। इसके जरिये पर्यटक वाराणसी से मिर्जापुर जिले के चुनार किला, विंध्याचल और प्रयागराज तक की यात्रा कर सकेंगे। इसका संचालन अगस्त माह से शुरू किया जाएगा। इसका पैकेज अभी तय नहीं हुआ है।
गंगोत्री क्रूज की खासियतें
52 मीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा यह क्रूज नदी में 1.45 मीटर गहराई तक आसानी से यात्रा कर सकता है। इसमें कुल 24 एसी कमरे हैं जिनकी बड़ी-बड़ी खिड़कियों से पर्यटक गंगा घाटों की भव्यता और आसपास की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकेंगे।तीन मंजिला इस क्रूज में एक साथ 200 यात्री यात्रा कर सकते हैं।
संपूर्ण लग्जरी अनुभव
क्रूज में जिम, स्पा, रेस्टोरेंट और सन डेक जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। साथ ही इसमें पर्यटकों के लिए भक्ति संगीत, योग सत्र, बनारसी व्यंजन, हेरिटेज लेक्चर और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी व्यवस्था की गई है। इसके डाइनिंग एरिया और इंटीरियर को बनारसी कला और संस्कृति को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है।
रविदास घाट से होगा संचालन
गंगोत्री क्रूज का संचालन वाराणसी के रविदास घाट से किया जाएगा। यह जलयान 15 से 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगा और गाजीपुर, मिर्जापुर, चुनार किला, विंध्याचल होते हुए प्रयागराज तक जाएगा। पर्यटक इस क्रूज में 3 से 6 दिन की बुकिंग कर सकेंगे। बुकिंग की सुविधा ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से उपलब्ध होगी।
वाराणसी बना 7 क्रूज वाला शहर
गौरतलब है कि वाराणसी में पहले से 6 क्रूज का संचालन हो रहा है, जिनमें गंगा विलास और बंगाल गंगा प्रमुख हैं। ये क्रूज पर्यटकों को वाराणसी से लेकर कोलकाता और बंगाल की खाड़ी तक का अनुभव कराते हैं। अब 'गंगोत्री' के आने से बनारस उत्तर भारत में जल पर्यटन का नया केंद्र बनता जा रहा है। क्रूज संचालक जयंत ने बताया कि यह न सिर्फ एक साधारण यात्रा है, बल्कि एक ऐसा अनुभव है जो गंगा की पवित्रता, काशी की सांस्कृतिक समृद्धि और आधुनिक सुविधाओं का एक साथ संगम कराएगा।