मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के बाद पहुंचे स्वर्वेद महामंदिर धाम, तीन लाख अनुयायियो को किया संबोधित
वाराणसी (रणभेरी): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भाजपा शासित 12 प्रातों के मुख्यमंत्रियों और सात उपमुख्यंत्रियों के साथ बैठक की। इस बैठक में सरकार की नीतियों, योजनाओं के प्रचार-प्रसार, आने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर मंथन हुआ। पीएम स्वर्वेद महामंदिर धाम PM मोदी पहुंचे। तीन लाख अनुयायियो को संबोधित किया।
इस मंदिर के बारे में लोगों के मन में काफी सवाल है। साथ ही लोगों का सवाल ये भी है कि यह किस का मंदिर है और मंदिर में क्या खास है। देश की आध्यात्मिक-सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी के उमरहां में निर्माणाधीन विशाल साधना केंद्र स्वर्वेद महामंदिर अपने आप में अनोखा है। कारण ये कि यह मंदिर शिल्प और अत्याधुनिक तकनीक के अदभुत सामंजस्य का प्रतीक है। आज यहां इस मंदिर में विहंगम योग के 98वें वार्षिकोत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे हैं।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने पूरे महामंदिर धाम को देखा और वहां के पुजारियों से मंदिर की खासियतों की जानकारी ली।साथ ही उन्होंने स्वर्वेद मंदिर के 98वें वर्षगांठ पर लोगों को संबोधित किया और कहा कल काशी ने बाबा विश्वनाथ के मंदिर का स्वागत किया और आज यहां विहंगम योग संस्थान का यह आयोजन है। आज हम देख रहे हैं कि योग संस्थान का 98वां वर्षगांठ, सद्गुरु सफलदेव महाराज के जेल यात्रा के 100 वर्ष और गीता जयंती भी है। इन सबकी मैं आप लोगों को बधाई देता हूं। सद्गुरु सदाफलदेव जी ने समाज के जागरण के लिए विहंगम योग को जन-जन तक पहुंचाने के लिए यज्ञ किया था। आज वह संकल्प बीज हमारे बीच एक वटवृक्ष के रूप में हमारे सामने खड़ा है।ये भारत ही जहां के आजादी के सबसे बड़े आंदोलन के नेता को महात्मा बुलाती है, जहां आजादी की लड़ाई के साथ धार्मिक चेतना भी साथ चलती रही।
वाराणसी में हर तरह का हुआ बदलाव- पीएम
हम बनारस के विकास की बात करते हैं तो इससे पूरे देश के विकास का रोड-मैप भी बन जाता है। काशी में विकास का लाभ पर्यटन के साथ-साथ कला क्षेत्र को भी मिलेगा। काशी के कौशल को नई ताकत मिल रही है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी नई सुविधाओं के साथ काशी मेडिकल हब के रूप में विकसित हो रहा है। कल रात 12-12.30 बजे बाद जैसे ही मुझे अवसर मिला, मैं अपनी काशी में जो काम चल रहा है, जो काम हुए हैं उन्हें दिखने निकल पड़ा था। काशी में कितने ही लोगों से मेरी बात हुई। स्टेशन का भी कायाकल्प हो चुका है। बनारस देश को नई दिशा दे रहा है। 2014-15 के मुकाबले 2019-20 में यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या दोगुनी तक हो गई है और हवाई पर्यटकों की संख्या 30 लाख तक पहुंच गई है। अगर इच्छाशक्ति हो तो परिवर्तन आ सकता है। पीएम ने कहा कि वाराणसी में हर तरह का बदलाव हुआ है। उन्होंने कहा कि इस बदलाव से काशी ने दिखा दिया है कि इच्छा शक्ति हो तो कुछ भी संभव है। उन्होंने केदारनाथ का भी जिक्र कर कहा कि अब वहां रिकॉर्ड श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। यही विश्वास पूरे देश में दिख रहा है। सद्गुरु सफलदेव ने कहा है, दया करे सब देव पर ऊंच नीच नहीं जान।
देश का मंत्र 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास'
पीएम मोदी ने कहा आज देश का मंत्र है- 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास'। आज देश 'मैं' के भाव से उठकर राष्ट्र के भाव को आत्मसात कर रहा है।आज जब हम पूरी दुनिया को योग दिवस मनाते हुए, योग का अनुसरण करते हुए देखते हैं तो लगता है कि सद्गुरु का आशीर्वाद फलिभूत हो रहा है। स्वाधीनता संग्राम के समय सद्गुरु ने हमें मंत्र दिया था- स्वदेशी का। आज उसी भाव में देश ने अब ‘आत्मनिर्भर भारत मिशन’ शुरू किया है। आज देश के स्थानीय व्यापार-रोजगार को, उत्पादों को ताकत दी जा रही है, लोकल को ग्लोबल बनाया जा रहा है।
पीएम ने 100वीं वर्षगांठ पर लिए संकल्प
पीएम ने कहा कि दो साल बाद हम विहंगम योग की 100वीं वर्षगांठ मनाएंगे तो क्यों न हम दो साल बाद के इस अवसर के लिए कुछ संकल्प लें। एक और संकल्प हो सकता है पानी बचाने को लेकर। हमें अपनी नदियों को, गंगा जी को, सभी जलस्रोतों को स्वच्छ रखना है। जैसे एक संकल्प हो सकता है- हमें बेटी को पढ़ाना है, उसका स्किल डेवलपमेंट भी करना है। अपने परिवार के साथ-साथ जो लोग समाज में जिम्मेदारी उठा सकते हैं, वो एक-दो गरीब बेटियों के स्किल डेवलपमेंट की भी जिम्मेदारी उठाएं।
जानिए मंदिर की खास बातें-
काशी में बना यह 7 मंजिला विशाल स्वर्वेद महामंदिर आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. 35 करोड़ की ज्यादा की लागत से 64 हजार स्कवायर फीट में मंदिर का निमार्ण किया गया है। यह दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर भी है. स्वर्वेद मंदिर 180 फीट ऊंचा है. यहां के अनुयायी भारत के करीब सभी राज्यों एवं विदेशों में भी हैं। इस सुपर स्ट्रक्चर की काफी चर्चा हो रही है. इस मंदिर में मकराना मार्बल का इस्तेमाल किया गया है, जिसमें 3137 स्वर्वेद के दोहे लिखे गए हैं। इसमें कमल के आकार का गुंबद बना हुआ है। स्वर्वेद महामंदिर धाम में मई 2017 में 21 हजार कुंडीय स्वर्वेद उत्तरार्द्ध ज्ञान महायज्ञ हुआ था. उस वक्त इसे इतिहास के सबसे विशालतम यज्ञ की संज्ञा भी दी गई थी। विहंगम योग के जरिये नशा मुक्ति की राह प्रशस्त करने वाले आध्यात्मिक अभियान में हर वर्ष लाखों लोग जुड़ रहे हैं।