बेधड़क दौड़ रही बनारस की सड़क पर अनफिट बसें
वाराणसी (रणभेरी)। वाराणसी में स्कूल प्रबंधन और परिवहन विभाग बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा है। सड़क पर बिना जांच और फिटनेस में फेल बसें बच्चों को लेकर फर्राटा भर रही हैं। नॉन फिट बसें और चालकों का सत्यापन न होने की वजह से आए दिन हादसे होते हैं। इसके बाद भी परिवहन विभाग और स्कूल प्रबंधन ठोस कदम नहीं उठा रहा है।
कुछ दिन पहले ही स्कूली बस हादसे का एक मामला यूपी के बाराबंकी से सामने आया है। जहां तेज रफ्तार स्कूली बस पलट गई जिसमें छह बच्चों की मौत हो गई। बस में कुल 25 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। बता दें कि बाराबंकी के सूरतगंज विकास खंड के कंपोजिट विद्यालय हरक्का के बच्चे लखनऊ शैक्षिक भ्रमण पर गये थे। वहां से वापस आते समय बाराबंकी के देवा थाना क्षेत्र के सलारपुर में ये हदासा हुआ।
वाराणसी शहर में 20 से अधिक स्कूल ऐस हैं जिनके पास कुल मिला कर एक हजार से अधिक बसें है, लेकिन आरटीओ में पंजीकृत स्कूली वाहनों की संख्या 2345 है। इसके अलावा पांच से दस बसों वाले स्कूल-कालेजों की संख्या 50 से अधिक है। इनमें से अधिकतर बसें आरटीओ में पंजीकृत नहीं है। इसके अलावा मैजिक और ऑटो की संख्या 1 हजार से अधिक है, जो पंजीकृत नहीं है।
शहर में आरटीओ के सर्वे में 150 से अधिक स्कूली बसों का फिटनेस फेल है। परिवहन विभाग ने स्कूल प्रबंधन को बसों का फिटनेस ठीक कराने को कहा। कुछ स्कूल प्रबंधन ने बसों का फिटनेस कराया भी लेकिन अभी तक अत्यधिक स्कूली बसों का फिटनेस फेल है।
ठेंगे पर सीएम योगी का आदेश
स्कूली वाहनों के आए दिन दुर्घटनाग्रस्त होने, कई बच्चों की जान जाने, यातायात व परिवहन विभाग की कार्रवाई से असंतुष्ट होने से नाराज सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त रवैया अपनाया था। सीएम ने जिलाधिकारी को खुद कमान संभालते हुए खराब स्कूली वाहनों के खिलाफ कार्रवाई कराने का निर्देश दिया था।
डीएम ने परिवहन विभाग को स्कूल प्रबंधन से संपर्क कर विद्यालय परिवहन सुरक्षा समिति का गठन कराने को कहा था। यह समिति जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर में बैठक कराएगी, लेकिन इन आदेशों का पालन धरातल पर नहीं हो रहा है।