फैक्ट फाइंडिंग टीम के सदस्यों को हिंसाग्रस्त इलाकों में जाने से पुलिस ने रोका, हुई नोकझोंक
(रणभेरी): पिछले दिनों पश्चिम बंगाल में रामनवमी के अवसर पर जुलूस निकालने के दौरान हावड़ा और हुगली में हुई हिंसा की जांच करने पहुंची मानवाधिकार संगठन की फैक्ट फाइंडिंग टीम को यहां पुलिस ने घटनास्थल पर जाने से रोक दिया। इस कारण टीम की पुलिस से नोकझोंक हुई। शनिवार को दिल्ली से यहां पहुंची टीम हुगली के रिसड़ा जा रही थी, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया था। हावड़ा सिटी पुलिस कमेटी के सदस्यों को हिंसाग्रस्त इलाकों में जाने देगी या नहीं, यह अब तक साफ नहीं है। मालूम रहे कि पूर्व आइपीएस राजपाल सिंह के नेतृत्व में कमेटी के छह सदस्य यहां पहुंचे हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों शिवपुर थाना अंतर्गत फजीर बाजार के पास धार्मिक जुलूस पर हमला होने के बाद यहां दो दिनों तक जमकर हिंसा हुई थी. इस घटना में पुलिस ने 38 लोगों को गिरफ्तार किया है।
जानकारी के मुताबिक, रविवार को पुलिस अधिकारियों ने टीम को हावड़ा के हिंसाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करने से रोक दिया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इलाके में धारा 144 लागू है। इस कारण वे इलाके में नहीं जा सकते हैं। रविवार को टीम के सदस्य हावड़ा के हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में जाकर वहां पर पीड़ित परिवारों के सदस्यों से मिलना चाहते थे। इस बारे में पुलिस का कहना है कि क्षेत्र में धारा 144 लागू है और टीम के छह प्रतिनिधि को वहां जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। टीम के सदस्यों ने पुलिस से बात करने की कोशिश की लेकिन पुलिस फैसले पर अड़ी रही। इस कारण टीम के सदस्यों की पुलिस के साथ नोकझोंक हुई। फैक्ट फाइंडिंग टीम के एक सदस्य ने कहा, पुलिस ने कल हमें एक पत्र भेजा. मामला में हाईकोर्ट में विचाराधीन है। टीम का कहना था कि वे कोई जांच करने नहीं बल्कि लोगों से बातचीत करके उनका हौसला बढ़ाने के मकसद से इलाके में जाना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि इससे पहले टीम को रिसड़ा जाने से भी पुलिस ने रोक दिया था।