मुख्तार अंसारी एंबुलेंस मामले में पुलिस ने डॉ. अलका राय को भाई के साथ किया गिरफ्तार
(रणभेरी): मुख्तार अंसारी एंबुलेंस फर्जी पंजीकरण के मामले में मऊ की अस्पताल संचालिका डॉ. अलका राय को बाराबंकी पुलिस ने मंगलवार तड़के सुबह चार बजे गिरफ्तार कर लिया है। उनके भाई और हॉस्पिटल के प्रबंधक एसएन राय को मऊ पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार किया था। उन्हें भी बाराबंकी पुलिस अपने साथ लेकर गई है।
एंबुलेंस प्रकरण मामले में बाराबंकी में पहले से दर्ज मुकदमे में मुख्तार अंसारी सहित 13 लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ है। पंजाब की रोपड़ जेल में बंद रहने के दौरान मुख्तार अंसारी द्वारा पेशी पर जाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले निजी एम्बुलेंस का पंजीकरण मऊ की डॉक्टर अलका राय के अस्पताल के नाम पर था। इसका रजिस्ट्रेशन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय में कराया गया था। मामला प्रकाश में आने के बाद बाराबंकी कोतवाली में मुख्तार अंसारी, डॉक्टर अलका राय और अस्पताल के डायरेक्टर सहित कई लोगों के खिलाफ जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया गया। इस मामले में डॉक्टर और उनके भाई शेषनाथ राय को बाराबंकी पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
डॉ. अलका राय और उनके भाई को एंबुलेंस के फर्जी पंजीकरण के मामले में पहले भी गिरफ्तार किया गया था। जेल में ढाई महीने रहे थे। इसके बाद आज तड़के फिर से गिरफ्तार किया गया है। गैंगस्टर का मुकदमा भी दर्ज किया गया है। जबकि डॉ. अलका राय को उनके अस्पताल में नजरबंद किया गया था। जनपद पुलिस बाराबंकी पुलिस का इंतजार कर रही थी। मऊ स्थित श्याम संजीवनी अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर की संचालिका डॉ. अलका राय और उनके भाई के खिलाफ दो अप्रैल 2021 को पहला मुकदमा जालसाजी का लिखा गया था। करीब तीन माह बाद सभी आरोपियों के खिलाफ चार जुलाई 2021 को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया।
आठ महीने जेल में रहने के बाद दोनों भाई-बहन ढाई महीने पहले जेल से बाहर आए थे। अब इन पर गैंगस्टर का केस दर्ज हुआ है। पंजाब जेल में बंद होने के दौरान मुख्तार अंसारी न्यायालय जाने के लिए जिस निजी एंबुलेंस का इस्तेमाल करता था, वह डॉ. अलका राय के अस्पताल के नाम पर पंजीकृत थी। इसका रजिस्ट्रेशन (यूपी 41 एटी 7171) फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बाराबंकी एआरटीओ कार्यालय में कराया गया था।