मंत्री असीम अरुण का वाराणसी दौरा, महर्षि वाल्मीकि जयंती पर बोले- सपा की राजनीति हमेशा दंगों की रही

मंत्री असीम अरुण का वाराणसी दौरा, महर्षि वाल्मीकि जयंती पर बोले- सपा की राजनीति हमेशा दंगों की रही

वाराणसी (रणभेरी):  उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री और पूर्व आईपीएस असीम अरुण मंगलवार को वाराणसी पहुंचे। उन्होंने यहां महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया और महर्षि वाल्मीकि मंदिर में दर्शन-पूजन किया। इस दौरान उन्होंने राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर भी अपनी बात रखी।

असीम अरुण ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने रामायण जैसे कालजयी ग्रंथ की रचना कर भारतीय समाज को आदर्श और नैतिकता का मार्ग दिखाया। उनका जीवन यह संदेश देता है कि हर व्यक्ति में परिवर्तन की संभावना होती है और समाज के लिए बड़ा योगदान देने की क्षमता भी। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि की जयंती हमें सामाजिक समरसता और समानता के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देती है।

बिहार चुनाव को लेकर जताया भरोसा

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि बीजेपी पूरी तरह से तैयार है। एनडीए सरकार में हुए बड़े बदलाव जनता के सामने हैं। हमें भरोसा है कि बिहार की जनता एक बार फिर बीजेपी और एनडीए के साथ खड़ी होगी।

पाकिस्तान का उदाहरण देकर बंटवारे की राजनीति पर हमला

असीम अरुण ने बिना किसी पार्टी का नाम लिए कहा कि बंटवारे की राजनीति का सबसे बड़ा उदाहरण पाकिस्तान है। वहां धर्म के नाम पर देश बांटा गया और आज की स्थिति सबके सामने है। भारत को बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का जो संविधान मिला है, वह सबको जोड़ने वाला है, न कि तोड़ने वाला।

समाजवादी पार्टी पर आरोप

समाजवादी पार्टी पर हमला बोलते हुए असीम अरुण ने कहा कि सपा की राजनीति हमेशा दंगों की रही है। ‘I Love Mohammad’ विवाद को समाजवादी पार्टी ने त्योहारों के समय जानबूझकर खड़ा किया था। उन्होंने कहा कि किसी को यह बोलने से कोई समस्या नहीं है, लेकिन जब इसे शक्ति प्रदर्शन और उन्माद फैलाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, तब यह गलत है।

जातिवाद पर दो टूक

असीम अरुण ने यूपी की राजनीति में जातिगत समीकरणों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अब जनता सिर्फ जातियों के जोड़-घटाव से प्रभावित नहीं होती। लोग विकास, सुरक्षा और सामाजिक समरसता को ही प्राथमिकता देते हैं।

बोले- हर वर्ग का समर्थन जरूरी

उन्होंने कहा कि बीजेपी का मकसद कुछ जातियों या वर्गों तक सीमित नहीं है। हम हर वर्ग तक पहुंचते हैं, क्योंकि जब तक समाज के हर तबके को साथ लेकर नहीं चलेंगे, तब तक संपूर्ण विकास संभव नहीं है।