काशी के पंडालों में विराजीं मां सरस्वती, दर्शन के उमड़े श्रद्धालु
वाराणसी (रणभेरी): शिव की नगरी काशी में आज वसंत पंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है।बसंत पंचमी पर ज्ञान और बुद्धि-विवेक की अधिष्ठात्री,ज्ञान-विज्ञान, संगीत, कला और शिल्प की देवी मां सरस्वती की प्रतिमाएं पंडालों में स्थापित हो चुकी हैं। जिले भर में तीन सौ से अधिक पंडालों में प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। श्रद्धालुओं को माता के पूजन के लिए पांच घंटे से अधिक का समय मिल रहा है। सूर्योदय के साथ ही मां सरस्वती के दर्शन और पूजन के साथ अनुष्ठान भी आरंभ हो जाएंगे।
पंडालों में मां सरस्वती कि प्रतिमाएं कहीं तपस्या में लीन मां सरस्वती, लकड़ी व रुद्राक्ष की माला से सजी-धजी, कहीं हंस पर सवार तो कहीं शिवलिंग के साथ स्थापित की गई हैं।सुबह से ही पूजा और अनुष्ठान का सिलसिला जारी है। काशी के ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, आज सुबह से दोपहर 12:35 बजे तक मां सरस्वती की पूजा-अर्चना के लिए शुभ मुहूर्त है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार, वसंत पंचमी के ही दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था। इस दिन सभी को स्नान के बाद पीले रंग के कपड़े पहन कर मां सरस्वती की आराधना करनी चाहिए। मां सरस्वती ज्ञान, बुद्धि और विद्या की देवी हैं। उनकी कृपा से मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं। आज के ही दिन सूर्य का राशि परिवर्तन होता है। आज के दिन श्री विष्णु की पूजा का भी एक अलग महत्व है।
300 से अधिक पंडालों में स्थापित हुईं प्रतिमाएं
जिले भर में तीन सौ से अधिक पंडालों में प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। श्रद्धालुओं को माता के पूजन के लिए पांच घंटे से अधिक का समय मिल रहा है। वही घरों में पूजन के लिए छोटे आकार की देवी प्रतिमाओं के लिए शहर के सुंदरपुर, लंका, महमूरगंज, कमच्छा, लक्सा और दशाश्वमेध में बाजार खरीदारों से गुलजार रहे।