काशी में बसंत पंचमी पर काशी विश्वनाथ बनेंगे दूल्हा, आज शाम अपने भक्तों को 'जमाई' रूप में देंगे दर्शन

काशी में बसंत पंचमी पर काशी विश्वनाथ बनेंगे दूल्हा, आज शाम अपने भक्तों को 'जमाई' रूप में  देंगे दर्शन

वाराणसी (रणभेरी): शिव की नगरी काशी में आज वसंत पंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। वहीं काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ के तिलकोत्सव की में मग्न है।मंदिर के महंत डॉ कुलपति तिवारी के आवास पर शनिवार की भोर से ही तिलक की रस्म निभाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है जो देर शाम तक जारी रहेगी।

बसंत पंचमी के पावन अवसर पर काशी पुराधिपति बाबा विश्वनाथ के तिलकोस्तव की धूम है।वाराणसी में आज बाबा विश्वनाथ के तिलकोत्सव की तैयारियां मंगला आरती के साथ ही शुरू हो गईं हैं। शाम के समय बाबा विश्वनाथ आज अपने भक्तों को दामाद के रूप में दर्शन देंगे। इसी के साथ ही काशी में गौरा और बाबा विश्वनाथ के शुभ विवाह की तैयारी जोर-शोर से शुरू हो गई है।बसंत पंचमी की तिथि पर बाबा विश्वनाथ के तिलक का उत्सव टेढ़ीनीम स्थित विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी के आवास पर शुरू हो चुका है।

शनिवार की सुबह 4 से 4:30 बजे तक बाबा विश्वनाथ की पंचबदन रजत मूर्ति की मंगला आरती उतारी गई। इसके बाद सुबह 6 बजे से 8 बजे तक ब्राह्मणों द्वारा चारों वेदों की ऋचाओं के पाठ के साथ बाबा का दुग्धाभिषेक किया गया। सुबह 8:15 बजे से बाबा को फलाहार का भोग अर्पित हुआ। उसके बाद पांच वैदिक ब्राह्मणों ने पांच प्रकार के फलों के रस से 8:30 से 11:30 बजे तक रुद्राभिषेक किया। 11:45 बजे बाबा को पुन: गंगाजल से स्नान कराया गया और 12 से 12:30 बजे तक मध्याह्न भोग अर्पण और आरती की गई। दोपहर 12:45 से 2:30 बजे तक महिलाओं द्वारा मंगल गीत गाए गए।

4:45 से 5 बजे तक संध्या आरती और भोग

दोपहर 2:30 से 4:45 बजे तक शृंगार के लिए कक्ष के पट बंद कर दिए गए हैं। इस बीच ब्राह्मण वाचस्पति तिवारी और संजीव रत्न मिश्र ने बाबा का दूल्हा के रूप में शृंगार किया। 4:45 से 5 बजे तक संध्या आरती और भोग के बाद सायं 5 बजे से भक्तों के दर्शन के लिए पट खोल दिए जाएंगे। इस दौरान भक्त बाबा का दूल्हा स्वरूप में दर्शन-पूजन सकेंगे।