मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व सीईओ रवि नारायण दो दिन ईडी की हिरासत में, जानें क्या है मामला
(रणभेरी): प्रवर्तन निदेशालय ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के पूर्व प्रमुख रवि नारायण को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आज दो दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया। ये गिरफ़्तारी एक्सचेंज से जुड़े को-लोकेशन के मामले में हुई है। रिपोर्ट्स के अनुसार ईडी अधिकारियों द्वारा की गई जांच के दौरान रवि नारायण सहयोग नहीं कर रहे थे और उनके खिलाफ सबूतों के आधार पर उन्हें मंगलवार की शाम को गिरफ्तार कर लिया गया था।
नारायण अप्रैल 1994 से 31 मार्च 2013 तक एनएसई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे। इसके बाद उन्हें 1 अप्रैल 2013 से 1 जून 2017 तक कंपनी बोर्ड में गैर-कार्यकारी श्रेणी में उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। रवि नारायण को को-लोकेशन घोटाले से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया है। नारायण पर 2009 से 2017 के बीच एनएसई के कर्मचारियों का अवैध तरीके से फोन टैप करने का आरोप है। ईडी ने नारायण, एनएसई की पूर्व प्रमुख चित्रा रामकृष्ण और मुंबई पुलिस कमिश्नर संजय पांडे के खिलाफ 14 जुलाई को पीएमएल के तहत मामला दर्ज किया था। इन दिनों के खिलाफ पहले सीबीआई ने मामला दर्ज किया था।
इस सेवा के तहत ब्रोकर्स को अपना सर्वर एक्सचेंज परिसर में लगाने की अनुमति दी जाती है। इसकी मदद से वे शेयर बाजार में हो रही हलचल का तेजी से पता लगा सकते हैं और इसका फायदा उठा सकते हैं। जांच में सामने आया था कि कई ब्रोकर्स ने इसमें धांधली कर फायदा उठाया और अवैध रूप से करोड़ों रुपये बनाए। जांच में एल्गोरिदम में छेड़छाड़ की बात सामने आई थी। पिछले महीने ईडी ने चित्रा रामकृष्ण को गिरफ्तार किया था। उन्हें गैरकानूनी तरीके से फोन टैपिंग और एक्सचेंज के कर्मचारियों की जासूसी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था।