BHU अस्पताल में पढ़ी गई नमाज पर विवाद
(रणभेरी): वाराणसी में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल में नमाज पढ़ने का मामला सामने आया है। छात्रों ने बताया कि एक व्यक्ति अस्पताल की जमीन पर चादर बिछाकर नमाज अदा कर रहा था। वह शायद किसी मरीज को दिखाने के लिए अस्पताल में आया था।उधर, अस्पताल में नमाज की पढ़ने की फोटो सामने आने पर कई छात्रों ने विरोध किया। कहा कि ईश्वर को याद करना कहीं से गलत नहीं है। मगर, राज्य सरकार के लगाए गए प्रतिबंधों और नियमों का पालन होना चाहिए।
छात्रों ने कहा, ''9 सितंबर को हम छात्र अस्पताल के पहले फ्लाेर CCI लैब में एक दोस्त की रिपोर्ट लेने जा रहे थे। वहीं गेट पर ही एक व्यक्ति नमाज पढ़ रहा था। इस पर हम लोगों ने तत्काल अस्पताल के कंट्रोल रूम में सूचना दी। इसके बाद हम छात्र वहां से चले गए। छात्रों ने चीफ प्रॉक्टर से निवेदन करते हुए कहा कि अस्पताल के सुरक्षाकर्मियों को इस विषय पर जरूरी दिशा-निर्देश दें। ताकि विश्वविद्यालय में अनावश्यक विवाद न बढ़े। इसके साथ ही सार्वजनिक स्थलों पर भी इस संदर्भ में सूचनादं प्रसारित की जाएं।''
BHU के शोध छात्र छात्र पतंजलि पांडेय, अधोक्षज पांडेय, अक्षय तिवारी और शुभम मिश्र ने आज चीफ प्रॉक्टर से इस बात की शिकायत भी की। अप्रैल, 2020 में सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया था कि प्रदेश में पब्लिक प्लेस पर नमाज नहीं पढ़ी जाएगी। इसके बाद से यह नियम काफी कड़ाई से लागू किया गया।यहां तक कि ईद और बकरीद की नमाज भी पब्लिक प्लेस पर नहीं पढ़ी गई। उसके बावजूद BHU अस्पताल में नमाज पढ़ी जा रही है। इस पर रोक लगाकर पब्लिक प्लेस में ऐसा न करने का संदेश जारी किया जाए। छात्रों ने बताया कि चिट्ठी लिखकर प्रॉक्टोरियल बोर्ड में रिसीव करा ली गई है। चीफ प्रॉक्टर उस समय ऑफिस में मौजूद नहीं थे, इसलिए अभी तक उस पर कोई जवाब नहीं आया है। अस्पताल के एक कर्मचारी ने बताया कि मंगलवार शाम 4 बजे एक व्यक्ति नमाज अदा कर रहा था। अस्पताल में सीसीआई लैब के बैनर के नीचे वह नमाज पढ़ रहा था। वहीं, हॉस्टल के छात्रों ने बताया कि उन्होंने 9 सितंबर को यह फोटो क्लिक की थी।