बाबरी विध्वंस की 30वीं बरसी पर काशी में अलर्ट
मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में बन्द रही दुकानें, मनाया ब्लैक डे
वाराणसी (रणभेरी): अयोध्या के बाबरी विध्वंस की 6 दिसंबर को 30वीं बरसी है। आज ही के दिन 1992 में अयोध्या में स्थित बाबारी मस्जिद को गिरा दिया गया था। बाबरी विध्वंस की बरसी को देखते हुए उत्तर प्रदेश के अयोध्या और मथुरा में हाई अलर्ट घोषित करते हुए सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पुलिस-प्रशासन ड्रोन से चप्पे-चप्पे पर नजर बनाए हुए है और जगह-जगह पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। वही वाराणसी के मुसलमान लोगों की सलामती की दुआ कर रहे हैं। इसके साथ ही शहर के दरगाह फातमान पर कल रात से शेख मोहम्मद अली की 264वीं बरसी मनाई जा रही है। शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता हाजी फरमान हैदर ने कहा कि दरगाह फातमान के संस्थापक और अरबी-फारसी के विद्वान शेख मोहम्मद अली की बरसी पर फातमान पर ही हम बाबरी विध्वंस का भी गम मना रहे हैं। वहीं, मुल्क के लोगों को शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं। हम सबकी सलामती की दुआ करते हैं।
कल रात शेख की मजार पर 264 शमा रौशन की गई। गुलाब की पंखुड़ियों से उनकी मजार को सजाया गया है। फरमान हैदर ने कहा कि देश-विदेश के कई मुस्लिम धर्म-गुरु फातमान पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि शेख अली ने महाराजा बनारस महाराज चेत सिंह के बच्चों को इसी फातमान में शिक्षा-दीक्षा दी थी। महाराजा बनारस ने उन्हें यह जमीन उपहार स्वरूप भेंट की थी। यहां उन्होंने दरगाह फातमान तामीर कर दिया। आज इस दरगाह में मौला अली, इमाम हुसैन, हजरत अब्बास अलमदार, बीबी जैनब, जनाबे सकीना का रोजा है। और हजरत मोहम्मद की बेटी बीबी फातिमा के नाम पर इस दरगाह का नाम फातमान रखा गया है। इसमें 3 मस्जिद मौला अली, ईदैन और रसूल अल्लाह की मस्जिद मौजूद है।
वाराणसी शहर में पुलिस के अलावा, पीएसी, आरएएफ और सीआरपीएफ के जवान तैनात किए गए हैं। हर गतिविधि पर खुफिया विभाग भी नजर बनाए हैं। आज ही के दिन 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचे को गिराया गया था, जिसे लेकर मुस्लिम समाज के लोग काला दिवस के रूप में मनाते हैं। प्रशासन पूरे जिले में पूरी सतर्कता के साथ मुस्तैद रही। मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई थी। नई सड़क क्षेत्र से दालमंडी जाने वाले क्षेत्रों की दुकानें आज के दिन बन्द दिखीं। नई सड़क, दालमंडी, सराय हड़हा, रेवड़ी तालाब, मदनपुरा, शिवाला, बड़ी बाजार आदि इलाकों में मुस्लिमों की दुकानें बंद रहीं। वहीं, विवादित ढांचा गिराए जाने की बरसी को लेकर वाराणसी कमिश्नरेट की पुलिस अलर्ट मोड पर है। शहर और ग्रामीण क्षेत्र की आबादी वाले इलाकों में पुलिस और पीएसी के जवान तैनात किए गए हैं। मुस्लिम इलाकों में फोर्स को लगातार गश्त करते रहने के लिए कहा गया है। उधर, पुलिस कमिश्नर एमए जैन बताया कि फोर्स को कहा गया है कि वह अतिरिक्त सतर्कता के साथ ड्यूटी करें। शांति और कानून व्यवस्था को जो कोई भी प्रभावित करने की कोशिश करेगा, पुलिस उसके साथ सख्ती से पेश आएगी।