गोरखपुर के गीडा सेक्टर-15 में लगी भीषण आग, 600 फैक्ट्रियाँ बंद, ऑयल प्लांट के कारण परिस्थितियाँ खतरनाक

गोरखपुर के गीडा सेक्टर-15 में लगी भीषण आग, 600 फैक्ट्रियाँ बंद, ऑयल प्लांट के कारण परिस्थितियाँ खतरनाक

(रणभेरी): गोरखपुर के औद्योगिक क्षेत्र (गीडा) के सेक्टर-15 में शुक्रवार सुबह उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब एक रिफाइन फैक्ट्री में अचानक भीषण आग भड़क उठी। घटना सुबह लगभग पाँच बजे की बताई जा रही है। अचानक उठी लपटों और आसमान में फैलते घने काले धुएँ को देखकर फैक्ट्री परिसर सहित आसपास के पूरे औद्योगिक क्षेत्र में हड़कंप मच गया। कर्मचारियों ने तत्काल इसकी सूचना पुलिस व प्रशासन को दी, जिसके बाद जिला प्रशासन और राहत-बचाव एजेंसियाँ तेजी से हरकत में आईं।

सूचना मिलते ही जिलाधिकारी गोरखपुर दीपक मीणा, पुलिस अधीक्षक उत्तरी ज्ञानेंद्र, गीडा पुलिस, दमकल विभाग की 20 गाड़ियाँ तथा प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुँच गए। आग की भयावहता को देखते हुए फैक्ट्री को पूरी तरह खाली कराया गया। साथ ही सुरक्षा के दृष्टिगत 500 मीटर के दायरे में संचालित करीब 600 फैक्ट्रियों को तत्काल बंद करने के निर्देश जारी कर दिए गए। क्षेत्र को बैरिकेडिंग कर कर्मचारियों और आम लोगों की आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई है।

फैक्ट्री में रिफाइनिंग प्रक्रिया के दौरान अत्यधिक ज्वलनशील पदार्थ मौजूद होने के कारण आग तेजी से फैलती चली गई। आग की तीव्रता को देखते हुए दमकल विभाग ने अतिरिक्त फोर्स और पानी के टैंकर बुलाए। कई दिशाओं से लगातार प्रयासों के बावजूद आग पर काबू पाना बेहद चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। अग्निशमन दल के साथ SDRF की टीम भी मौके पर पहुँची है और राहत कार्य में जुटी हुई है।

मुख्य अग्निशमन अधिकारी सुजीत राय ने बताया कि आग लगने के कारणों का अब तक स्पष्ट पता नहीं चल पाया है, लेकिन भीषण लपटों और रिफाइन सामग्री की अधिकता के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है। फिलहाल आग की परिधि को नियंत्रित करने और फैलाव रोकने पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार अब तक किसी तरह की जनहानि की सूचना नहीं है, लेकिन करोड़ों रुपए के नुकसान की आशंका जताई जा रही है।

जिलाधिकारी दीपक मीणा ने बताया कि घटना ऑयल प्लांट में हुई है, इसलिए अत्यधिक सावधानी बरती जा रही है। उन्होंने कहा कि युद्धस्तर पर राहत कार्य जारी है और स्थिति पर लगातार नज़र रखी जा रही है। डीएम ने जानकारी दी कि दिल्ली से ऑयल इंस्टॉलेशन और हाइड्रो-फायर कंट्रोलिंग के विशेषज्ञों को बुलाया गया है, जिनके आने के बाद ही आग को पूरी तरह नियंत्रित करने और संभावित खतरों को समाप्त करने का स्थाई समाधान संभव होगा। अनुमान है कि राहत-नियंत्रण प्रक्रिया पूर्ण होने में कम से कम पाँच से छह घंटे का समय और लग सकता है।

घटना स्थल की रिफाइन फैक्ट्री लगभग तीन एकड़ क्षेत्र में फैली हुई है, जिसके कारण आग पर नियंत्रण और अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है। मौके पर पुलिस, प्रशासन और राहत-दल के अधिकारी लगातार डटे हुए हैं और स्थिति की पल-पल की निगरानी कर रहे हैं। स्थानीय उद्योगपतियों में भी भारी चिंता का माहौल है, क्योंकि बड़ी संख्या में फैक्ट्रियों के बंद होने से औद्योगिक गतिविधि पूरी तरह ठप पड़ गई है।

प्रशासन ने लोगों से अफवाहों से बचने और पूरी तरह सुरक्षित दूरी बनाए रखने की अपील की है। फिलहाल राहत-दल आग पर नियंत्रण पाने के हर संभव प्रयास कर रहे हैं और विशेषज्ञ टीम के पहुंचने का इंतजार किया जा रहा है। घटना के कारणों और जिम्मेदारियों की जांच आग पूरी तरह नियंत्रण में आने के बाद की जाएगी।