लंबित मामलों में पीड़ितों को जल्द मिलेगा न्याय

लंबित मामलों में पीड़ितों को जल्द मिलेगा न्याय

जौनपुर।  इस नई प्रक्रिया से मुकदमों के निस्तारण में तेजी आएगी। समय पर गवाही व ट्रायल हो सकेगा। इसकी शुरुआत कुशीनगर के एक मामले में 15 दिन पहले शुरू की गई। अभी तक अधिकारियों की व्यस्तता, रिटायर होने व अस्वस्थ होने के कारण गंभीर मामलों के प्रकरण में सुनवाई लंबे समय से चली आ रही है। इससे पीड़ित को बार-बार न्यायालय का चक्कर काटना पड़ता है। अब मुकदमों के निस्तारण व अपराधियों की सजा सुनवाई के लिए गवाही देने के लिए पुलिस अफसरों को संबंधित अदालत नहीं जाना होगा। इसके लिए अब ऑनलाइन गवाही की छूट दी गई है। इससे समय से गवाही होने के चलते लंबे समय से चल रहे मामलों में पीड़ितों को जल्द न्याय मिलेगा। एससी-एसटी, दहेज हत्या जैसे मामलों में अब पुलिस अधिकारियों की ऑनलाइन गवाही भी मान्य होगी। हाईकोर्ट के निर्देश पर इस बात की व्यवस्था अदालतों में की गई है लेकिन इसके लिए उन्हें संबंधित अदालत से पहले अनुमति लेनी होगी। इस नई प्रक्रिया से मुकदमों के निस्तारण में तेजी आएगी। समय पर गवाही व ट्रायल हो सकेगा। इसकी शुरुआत कुशीनगर के एक मामले में 15 दिन पहले शुरू की गई। अभी तक अधिकारियों की व्यस्तता, रिटायर होने व अस्वस्थ होने के कारण गंभीर मामलों के प्रकरण में सुनवाई लंबे समय से चली आ रही है। इससे पीड़ित को बार-बार न्यायालय का चक्कर काटना पड़ता है। एडिशनल एसपी ग्रामीण शैलेंद्र सिंह ने बताया कि ऑनलाइन गवाही की प्रणाली से मुकदमों के निस्तारण में काफी सहूलियत होगी। आवश्यक कामकाज, वीवीआईपी प्रोटोकॉल को देखते हुए पुलिस अधिकारियों को गवाही देने के लिए अदालत पहुंचने में देरी होती थी। ऐसे में ऑनलाइन गवाही की छूट से लोगों को जल्द न्याय मिलेगा।