63 किमी नंगे पांव चलकर बाबा विश्वनाथ को चढ़ाया जल
जौनपुर । 27 वर्षीय शाहिद हाशमी ने 63 किलोमीटर की कांवड़ यात्रा कर वाराणसी स्थित श्री काशी विश्वनाथ का जलाभिषेक किया। ऐसा करके शाहिद ने न सिर्फ भगवान शिव के प्रति श्रद्धा दिखाई बल्कि गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल भी पेश की। कहते हैं भगवान शिव का औघड़ रूप हर किसी को पसंद आता है, फिर वह चाहे किसी भी धर्म या जाति के हों। जिले के केराकत क्षेत्र निवासी मो. शाहिद हाशमी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। शाहिद के भीतर भी भोलेनाथ के प्रति श्रद्धा जगी और वे कांवड़ यात्रा में शामिल हुए। शाहिद ने बताया कि उन्होंने जौनपुर के राजेपुर त्रिमुहानी यानी सई-गोमती के संगम तट से जल लिया और कांवड़ यात्रा में पूरे 63 किलोमीटर का पैदल सफर तय कर श्री काशी विश्वनाथ को जल चढ़ाया।
केराकत ब्लाक के ग्राम सभा टंडवा निवासी शाहिद हाशमी उर्फ बुद्धु ने अपने साथी छोटू माली, विनीत सिंह, आशीष माली, सीरी सरोज, मनोज माली और कुमार के साथ कांवड़ यात्रा करके मिसाल कायम की। शाहिद राजमिस्त्री हैं। उन्होंने बताया कि इच्छा काफी दिनों से थी कि भूतभावन भगवान भोलेनाथ की कांवड़ यात्रा में शामिल होकर जल अर्पित करें, लेकिन कभी शारीरिक तो कभी आर्थिक समस्या रोक लेती थी। इस बार बाबा की कृपा हुई तो उन्होंने जल चढ़ाया और भोलेनाथ का आशीर्वाद लिया।
हिंदू और मुस्लिम धर्म के त्योहारों में लेता है हिस्सा
शाहिद बताते हैं कि राजेपुर त्रिमुहानी से शनिवार को जल लेकर निकला था। 20 किमी बाद त्रिलोचन महादेव के दरबार में भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद लिया। यहां से बाबा विश्वनाथ धाम के लिए रवाना हुआ। सोमवार को साठ किलोमीटर चल कर बाबा विश्वनाथ के चरणों में जल अर्पण करके वापस आया। बताया कि वो हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्म के त्योहारों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं।
पत्नी शबनम ने भी दिया साथ
शाहिद ने बताया कि श्री काशी विश्वनाथ को जल चढ़ाने में सबसे बड़ी भूमिका पत्नी शबनम ने अदा की। बताया कि कांवड़ यात्रा को लेकर मेरे मन में झिझक थी कि लोग क्या कहेंगे? कहीं कोई मना न करे, कोई विवाद न हो जाए... आदि। पत्नी शबनम ने बहुत समझाया और इस यात्रा में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। शाहिद ने कहा कि वे अब हर साल इस यात्रा में शामिल होंगे।