अन्नपूर्णा के चार दिवसीय उत्सव की तैयारियां अंतिम दौर पर, धनतेरस दिन होगा माता का दर्शन

अन्नपूर्णा के चार दिवसीय उत्सव की तैयारियां अंतिम दौर पर, धनतेरस दिन होगा माता का दर्शन

वाराणसी (रणभेरी): काशीपुरी में विराजमान माता अन्नपूर्णा के चार दिवसीय उत्सव की तैयारियां अंतिम दौर में हैं। माता का दरबार सज चुका है। दो नवंबर से पांच नवंबर तक देश भर के श्रद्धालु माता के स्वर्णमयी स्वरूप के दर्शन करेंगे। मंदिर परिसर को रंग-बिरंगी रौशनी और फूल-पत्तियों से सजाया जा रहा है। माता के दरबार में इस बार पांच सौ कुंतल के 56 व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा।

अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी ने बताया कि माता का प्रसाद भारत समेत कई देशों में माता के भक्तों तक पहुंचता है। धनतेरस से शुरू होने वाले उत्सव की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। सुरक्षा और कोविड प्रोटोकॉल के साथ माता का दर्शन श्रद्धालुओं को मिलेगा।मंदिर परिसर में अन्नकूट पर्व पर इस बार 11 तरह के लड्डुओं से माता के गर्भगृह को सजाया जाएगा। माता के भोग को तैयार करने के लिए हलवाई समेत 75 कारीगर दिन रात काम कर रहे हैं। मंदिर प्रबंधक ने कहा कि भक्तों को कोई समस्या नहीं होगी। सुरक्षा के लिए मंदिर परिक्षेत्र में 21 कैमरे अलग से लगाए गए हैं।

विश्वनाथ मंदिर के रेड जोन में स्थित मां अन्नपूर्णा मंदिर के स्वर्णमयी प्रतिमा साल में एक बार धनतेरस पर चार दिनों के लिए खुलती है। इस प्रतिमा के दर्शन पूजन के लिए न केवल काशी वासी बल्कि देश के कोने कोने से लोग पहुंचते हैं।  इस दौरान मां के खजाना भी भक्तों को प्रसाद के रूप में दिया जाता है।हर साल धनतेरस से शुरू होने वाली स्वर्णमयी अन्नपूर्णा का दर्शन इस वर्ष दो नवंबर से (धनतेरस पर्व) से शुरू होगा, जो 5 नवंबर अन्नकूट पर्व तक चलेगा। । मान्यता है कि माता के खजाने से पूरे वर्ष अन्न-धन की कमी नहीं रहती है। मंदिर परिसर में तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।