काशी तक पहुंची लखीमपुर हिंसा की आंच

काशी तक पहुंची लखीमपुर हिंसा की आंच
  • अखिलेश यादव की गिरफ्तारी से सपाइयों में उबाल, जगह जगह धरना प्रदर्शन 

वाराणसी (रणभेरी): लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा का विरोध वाराणसी में भी जगह-जगह शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में समाजवादी पार्टी के नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है। वाराणसी में सपा के कई नेता इस दौरान जगह-जगह से गिरफ्तार भी किए गए हैं। इस दौरान शहर में चारों ओर भीषण जाम लग गया है। आम शहरियों की दुश्वारियां बढ़ गईं हैं। शहर के साथ ही बनारस के ग्रामीण इलाकों में भी विरोध की आवाज उठने लगी है। इसको लेकर वाराणसी पुलिस अब ज्यादा सतर्क हो गई है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस के सिपाही और लोकल इंटेलीजेंस को तैनात कर दिया गया है। सपाइयों का कहना है कि भाजपा के राज में प्रदेश में अराजकता है और कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को ढांढस बंधाने के लिए उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव लखीमपुर खीरी जा रहे थे तो उन्हें वहीं पर गिरफ्तार कर लिया गया। उनके घर के पास पुलिस की जीप में भाजपा के इशारे पर ही जानबूझकर आग लगवाई गई। हम लोग इसे लेकर चुप नहीं बैठेंगे। इस दौरान सपाइयों ने योगी सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की। अखिलेश का काफिला रोके जाने की कार्रवाई से खफा सपा समर्थक वाराणसी में सुबह से ही जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वाराणसी जिला मुख्यालय से लेकर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के गेट तक सपा कार्यकतार्ओं ने नारेबाजी करते हुए धरना भी दिया। सपाइयों की संख्या बढ़ते देख जिला प्रशासन ने पहले से ही ठीक-ठाक संख्या में पुलिस फोर्स तैनात कर दिया है।

वहीं बीएचयू मेन गेट पर एक कंपनी पीएससी और कई पुलिस वैन पहले से ही मौजूद है। सपाइयों की मांग है कि उनके मुखिया अखिलेश यादव को लखीमपुर खीरी किसानों से मिलने दिया जाए। धरनास्थल पर पुलिस की ओर से कई बड़े अधिकारी इन नेताओं को समझाने बुझाकर वापस जाने के लिए कहा, लेकिन सपा कार्यकतार्ओं ने इन्कार कर दिया। हालांकि पुलिस की संख्या बढ़ाने से स्थिति नियंत्रण में है। वहीं सपाइयों ने जिला प्रशासन को एक ज्ञापन भी सौंपा।

इसमें लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा की सीबीआई जांच कराने और मृतकों के परिवार के लिए एक करोड़ मुआवजे की मांग की। इस दौरान जिला मुख्यालय पर सपा जिलाध्यक्ष सुजीत यादव उर्फ लक्कड़ पहलवान, सपा महानगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा, पूजा यादव, डॉ. ओपी सिंह, मनोज उर्फ गोलू, तो काशी हिंदू विश्वविद्यालय के बाहर सपा युवजन सभा के नेता वरुण सिंह, अमन यादव और रामनगर शास्त्री चौक पर सपा नेता जितेंद्र यादव मलिक के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में सपाई धरने पर बैठे।

प्रियंका की गिरफ्तारी पर उबले कांग्रेसी

लखीमपुर खीरी में किसानों से मिलने जा रहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी पर कार्यकतार्ओं में उबाल है। सोमवार की लहुराबीर स्थित आजाद पार्क में कांग्रेस की जिला और महानगर इकाइयों के साथ फ्रंटल संगठनों के कार्यकतार्ओं ने विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी की। कांग्रेस कार्यकतार्ओं ने सरकार पर किसानों की आवाज दबाने और मजलूमों पर जुल्म करने का आरोप लगाया। कहा कि सर्कात अगर गलत नहीं तो प्रियंका समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को किसानों से मिलने से क्यों रोका जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने प्रियंका की तत्काल रिहाई और किसानों को न्याय देने की मांग की। प्रदर्शन करने वालों में कांग्रेस राष्ट्रीय सचिव राजेश तिवारी, पूर्वमंत्री अजय राय, प्रदेश उपाध्यक्ष विश्वविजय सिंह, महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे, जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल, शैलेन्द्र सिंह, पंकज राय डब्लू, विपिन मेहता, मनीष मोरोलिया, फसाहत हुसैन आदि पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल रहे। 

धरना-प्रदर्शन को लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट

लखीमपुर खीरी की हिंसक घटना के बाद किसानों और राजनीतिक दलों के धरना-प्रदर्शन को लेकर वाराणसी में पुलिस और प्रशासनिक महकमा अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है। कलेक्ट्रेट, रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और प्रमुख बाजारों के साथ ही बीएचयू गेट के सामने पुलिस और पीएसी के जवान भारी संख्या में तैनात किए गए हैं। नेशनल हाइवे और रिंग रोड पर भी पुलिस ने निगरानी और गश्त बढ़ा दी है। एलआईयू को विशेष रूप से चौकसी बरतने के लिए कहा गया है। अधिकरियों ने मातहतों को कहा है कि हर छोटी-बड़ी घटना पर नजर रखें और उसकी सूचना दें। धरना-प्रदर्शन में शामिल लोगों से संयम से पेश आएं। हर हाल में इस बात पर ध्यान देना है कि कहीं भी स्थिति अनियंत्रित न होने पाए।