रखेंगे ध्यान, तो सुरक्षित रहेगी संतान

रखेंगे ध्यान, तो सुरक्षित रहेगी संतान
  • जानिए प्रेगनेंसी से जुड़ी समस्याओं का समाधान 
  • गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर आंचल जैन से खास बातचीत में।

जब से कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ा है तब से अधिकतर लोग घर बैठे डॉक्टर से ऑनलाइन सलाह लेना ज्यादा सही समझ रहे हैं। खासकर लॉकडाउन में ऑनलाइन सेवा की मांग ज्यादा बढ़ी है। कोरोना के घातक संक्रमण को देखते हुए यह तरीका सही भी लग रहा है, क्योंक‍ि कोरोना काल में घर से ज्यादा न निकलना ही बेहतर है, ताकि संक्रमण से बचा जा सके। इससे मरीज की घर पर ही डॉक्टर से बात हो जाती है और बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती। खासतौर पर वृद्ध लोगों को भी इससे सहूलियत होगी। ऐसे में अगर आप भी अब घर बैठे किसी डॉक्टर से सलाह लेने की सोच रहे हैं, तो रणभेरी लेकर आयी है आपके लिए अपनी एक ख़ास प्रस्तुति डॉक्टरस टॉक। रणभेरी की एक ख़ास प्रस्तुति में आप मिलेंगे हर बार वाराणसी के विभिन्न मशहूर, अनुभवी एवं सुयोग्य डाक्टर्स से। आप जानेंगे उन सवालों के जवाब जो अक्सर करते है आपको परेशान। तो पढ़ते रहिये रणभेरी और रखिये अपने सेहत का ख्याल।

वाराणसी (रणभेरी): मां बनना प्रकृति का अनूठा वरदान है। गर्भावस्था के दौरान कई महिलाओं को जहां हार्मोनल और शारीरिक बदलाव आने से खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है वहीं कइयों में आसानी से नौ महीने गुजर जाते हैं। गर्भवती होने के साथ ही एक औरत का जीवन जहां नई उम्मीदों से भर जाता है वहीं आने वाले दिनों की चिंता भी सताने लगती है। ये चिंता खुद से ज्यादा गर्भ में पल रहे बच्चों के लिए होती है। गर्भावस्था किसी भी परिवार या होने वाले माता-पिता के लिए एक बड़ी खुशी या यूं कहें नई जिंदगी की शुरुआत होती है, लेकिन इस समय जब दुनिया भर में कोरोनावायरस का खतरा खत्म नहीं हुआ है ऐसे में यह जानना बहुत जरूरी है कि बच्चे को कैसे सुरक्षित रखा जाए। सही समय पर डॉक्टर की अपॉइंटमेंट लेने से लेकर मेडिकल टेस्ट तक का निर्णय आपको बहुत हद तक मददगार साबित हो सकती है। जो महिलाऐं मां बनने वाली होती हैं, उन्हें बच्चे के स्वास्थ्य की देखभाल बहुत ध्यान से करनी होती है। इसमें अच्छा खाने से लेकर दवाइयां, पैरेंटल वर्कआउट, रीडिंग आदि सभी शामिल हैं। इसी के साथ गर्भावस्था से पहले के टीके, इसके बाद लगने वाले टीके, बच्चे के लिए वेक्सिनेशन, मां के लिए वेक्सिनेशन, इन सभी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।

गूंज उठी रणभेरी के इस खास एपिसोड में हमारी बात बनारस की अनुभवी और जानी मानी गाईनोकोलॉजिस्ट आंचल अग्रवाल जैन से हुई। डॉक्टर जैन डॉ. अश्विनी जैन के परिवार से है जो कि वाराणसी के अति प्रतिष्ठित डॉक्टर्स में से एक थे। इस खास बात चीत में डॉ. आंचल द्वारा मां बनने वाली महिलाओं के लिए कुछ ऐसी जरूरी जानकारियां और सुझाव दी गई, जिनका ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इनमें से एक में भी सावधानी न बरती जाए तो हानिकारक हो सकता है।

सवाल: गर्भवती महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान अपना ख्याल कैसे रखें ?

जवाव: सबसे पहली बात की प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी महिला के लिए जो सबसे महत्वपूर्ण होता है वह है फैमिली सपोर्ट। इस दौरान फैमिली को जरूर सहयोग करना चाहिए। दूसरा सहयोग उन्हें डॉक्टर से मिलता है। डॉक्टर केवल दवाई नहीं देते बल्कि उनके मानसिक मनोबल को भी मजबूत बनाते है साथ ही उन्हें सुरक्षित होने का एहसास दिलाते। गर्भवती महिलाओं के लिए यूं तो डॉक्टर्स विजिट 14 बार की है पर कम से कम चार बार तो अपने डॉक्टर से मिलना ही चाहिए। 14 बार मिलने का तरीका यह है की पहले 7 महीनों में उन्हें हर एक महीने पर डॉक्टर से मिलना चाहिए। आठवें महीने में कम से कम दो बार नहीं तो 3 बार मिलना चाहिए। और नौवे महीने में उन्हें हफ्ते-हफ्ते पर अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। पहली प्रेगनेंसी में घबराहट बहुत ज्यादा होती है।

गर्भवती महिलाओं के लिए मॉर्निंग नोजिया एक आम समस्या होती है। इसकी वजह से कन्फ्यूजन भी बढ़ जाता है। ऐसे में डॉक्टर आपकी मदद कर सकते हैं। नाजिया की प्रॉब्लम के लिए वे अपनी खान-पान को ब्रेक करके खाए, अर्थात अगर वह दिन में तीन बार खाते हैं तो उसकी जगह वह 6 बार खाएं। थोड़ा-थोड़ा खाएं हर घंटे-2 घंटे पर वह कुछ ना कुछ खा सकती है। अपने पास उन्हें ड्राई फ्रूट और कुछ स्नैक्स रखनी चाहिए जिससे वह भूख लगने पर खा सकें। बाकी गर्भवती महिलाओं को फोलिक एसिड सप्लीमेंट सजेस्ट किया जाता हैं क्योंकि वह बच्चे के पहले तीन महीने के विकास को प्रभावित करते हैं, साथ ही बच्चों के ब्रेन और स्पाइन डेवलपमेंट में मदद करते हैं।

सवाल: ब्रेस्टफीडिंग को लेकर आपकी क्या राय है ? क्या बच्चों को कोई अल्टरनेटिव मिल्क भी दिया जा सकता है ?

जवाब: ब्रेस्टफीडिंग को लेकर जितनी जल्दी हो सके ब्रेस्टफीडिंग स्टार्ट कर देनी चाहिए। नई गाइडलाइंस के अनुसार बच्चों को मां के पास ही रखना चाहिए अलग पालने में नहीं, ताकि स्किन कांटेक्ट की वजह से प्रोलैक्टिन हार्मोन और ऑक्सीटॉसिन जैसे हार्मोन सिक्रीट हो सके और ब्रेस्टफीडिंग आसानी से करवाई जा सके। डिलीवरी के 6 घंटे के अंदर मां को ब्रेस्टफीडिंग स्टार्ट कर देनी चाहिए। शुरू के 6 महीने एक्सक्लूसिव ब्रेस्टफीडिंग होनी चाहिए। इसका मतलब यह है कि मां के दूध के अलावा बच्चे को कुछ भी ना दिया जाए। न ही किसी प्रकार का शहद, दूध या कोई अन्य वस्तु। बच्चों को केवल मां के दूध पर ही 6 महीने तक रखना चाहिए।

सवाल:  क्या प्रेग्नेंसी के दौरान योगा और व्यायाम जैसी चीजें की जा सकती है? 

जवाब: बिल्कुल की जा सकती है। गर्भवती महिलाओं के लिए योगा बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। व्यायाम खुद से तो ज्यादा नहीं की जा सकती परंतु ट्रेनर के गाइडेंस में की जा सकती है। वेटलिफ्टिंग जैसी एक्सरसाइज नहीं की जा सकती। प्रेगनेंसी के दौरान ब्रीदिंग एक्सरसाइजेज ज्यादा करनी चाहिए। अगर कोई खास कॉम्प्लिकेशन ना हो तो महिलाओं को एक्टिव रहना चाहिए और कुछ ना कुछ फिजिकल एक्टिविटी जरूर करनी चाहिए। 

सवाल: आजकल सिजेरियन केसेस बहुत बढ़ गए हैं। इसका क्या कारण है ? नॉर्मल डिलीवरी कैसे संभव है ?

जवाब: ज्यादातर नॉर्मल डिलीवरी के लिए महिलाओं को यह करना चाहिए कि वह एक्टिव रहें। ज्यादा बेड रेस्ट करने की कोई खास जरूरत नहीं होती। अगर कोई ज्यादा कॉम्प्लिकेशन नहीं है तो वह अपने आप को व्यस्त रखें और एक्टिव रहे। समय समय पर योगा और व्यायाम करते रहे ताकि नॉर्मल डिलीवरी आसानी से सम्भव हो सके।

सवाल: वर्तमान दिनों में इनफर्टिलिटी की समस्याएं बढ़ती जा रही है। इससे बचने का क्या उपाय है ?

जवाब: बिल्कुल, आजकल इनफर्टिलिटी की समस्या से लोग परेशान है। इनफर्टिलिटी पुरुष या महिला दोनों में हो सकती है। अगर ऐसी कोई समस्या समझ आती है तो दोनों को ही डॉक्टर से सलाह लेकर अपनी-अपनी जांच करानी चाहिए। अगर उम्र अधिक है तो यह ड्यूरेशन 6 महीने की भी हो सकती है। एक और कारण  स्मोकिंग, ड्रिंकिंग, फास्ट फूड भी है जो इनफर्टिलिटी को बढ़ाता हैं। इनके अलावा अगर महिलाओं को ल्युकोरिया या फिर देर से मासिक धर्म आना भी होता है।

सवाल: थयरॉइड की समस्या  एक सामान्य समस्या हो गई है।  क्या थायराइड भी प्रेगनेंसी को प्रभावित करता है ?

जवाब: बिल्कुल, थायराइड प्रेगनेंसी को प्रभावित करता है।महिलाओं को आए दिन छोटी-छोटी समस्याएं होती रहती है। महिलाओं को छोटी छोटी समस्याओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह आगे चलकर गंभीर समस्याओं में बदल सकती है।

सवाल: गंभीर समस्या से आपका क्या तात्पर्य है ?

जवाब: गंभीर समस्याओं का तात्पर्य कैंसर जैसी बीमारियों से है। कैंसर की समस्या बहुत बढ़ती जा रही है। भारत में सर्वाइकल कैंसर बहुत कॉमन है। बाहर के देशों में बच्चेदानी का कैंसर ज्यादा देखा जाता है। सर्वाइकल कैंसर के लक्षण भी आम है। सर्वाइकल कैंसर चाइल्डबीयरिंग उम्र में कॉमन होता है। जबकि बच्चेदानी का कैंसर अधिक उम्र की महिलाओं को होता है। इसे एंड्रो मैट्रियल कैंसर कहते हैं। इसके सिम्टम्स में जैसे महीना बंद होने के बाद अगर खून आता है तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए। एक और कैंसर जो महिलाओं में कॉमन है वह है ओवेरियन कैंसर जिसे अंडाशय का कैंसर भी कहते हैं। इसके मुख्य लक्षण है पेट में भारीपन, खाना नहीं पचना और नियमित अनियमित महीने की शिकायत, भूख ना लगना जैसी परेशानियों को महिलाएं इग्नोर कर देती है जो आगे चलकर गंभीर रूप ले लेती है। एक और कैंसर जो महिलाओं में कॉमन है वह है ब्रेस्ट कैंसर। अगर  ब्रेस्ट फीडिंग में कोई समस्या हो या फिर कोई गांठ जैसी समस्या महसूस हो तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। 

सवाल:  गर्भवती महिलाओं के लिए आपके क्लीनिक पर कौन-कौन से जांच होते हैं और क्या सुविधाएं उपलब्ध है ?

जवाब: यहां हर तरह की खून और यूरिन की जाचें होती हैं। बच्चे की धड़कन सुनने के लिए यहां सिटीजी की की सुविधा उपलब्ध है। इसके अलावा सर्वाइकल कैंसर की जांच होती है। एंडोमेट्रियल कैंसर के लिए बायोप्सी और वैकसीन है, साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए  टिडबैग के इंजेक्शन देने की सुविधाएं उपलब्ध हैं।

डॉक्टर आंचल जैन वाराणसी की जानी मानी अनुभवी गायनाकोलाॅजिस्ट है। डाॅ. आंचल जैन डॉक्टर आश्वनी जैन के परिवार से है। इन्होंने अलीगढ़ विश्वविद्यालय से आब्स एवं गाइनी में एमबीबीएस और एमएस की डिग्री हासिल की है। इन्होंने अपने अनुभव और चिकित्सा जगत में सफल प्रैक्टिस के दम पर अपनी एक पहचान बनाई है। डॉक्टर जैन मलदहिया स्थित डॉक्टर अश्वनी कुमार क्लीनिक पर अपनी सेवा देती हैं। डॉक्टर जैन से 7379817626, 0542-2392686 पर सम्पर्क किया जा सकता है।