ऑफलाइन कक्षाएं शुरू करने की मांग को लेकर धरने पर बैठे छात्र

ऑफलाइन कक्षाएं शुरू करने की मांग को लेकर धरने पर बैठे छात्र

वाराणसी (रणभेरी): बीएचयू में ऑफलाइन कक्षाएं चलाने और हॉस्टल को पूरी क्षमता से खोले जाने की मांग लेकर छात्र मुखर हैं। मंगलवार को छात्रों ने सेंट्रल ऑफिस पर धरना शुरू किया। इसके बाद जुलूस की शक्ल में छात्र सिंहद्वार पर पहुंचे और इसे बंद कर धरने पर बैठ गए। धरना देने वाले छात्रों में सभी संगठनों के छात्र और छात्राएं शामिल हैं। उनकी मांग है कि ऑफलाइन कक्षाएं खत्म कर ऑफलाइन कक्षाएं चलाई जाएं और हॉस्टल को पूर्ण रूप से खोला जाय।

छात्रों का तर्क है कि अन्य सभी विश्वविद्यालयों में ऑफलाइन कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं लेकिन बीएचयू अब भी ऑफलाइन कक्षाओं को तरजीह दी रहा है। छात्र बीएचयू प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी कर रहे थे। छात्रों ने यह भी मांग की है कि पिछले एक साल में ऑफलाइन कक्षा के नाम पर लिया जाने वाला पेड सीट समेत सभी छात्रों का पूरा फीस वापस किया जाए। धरना प्रदर्शन की सूचना मिलते ही सिक्योरिटी गार्ड्स भी मौके पर पहुंच गए और छात्रों को समझाने में लग गए। 

इसके अलावा खेल-कूद व कसरत संबंधी सारी सुविधाएं शुरू की जाए और पिछले एक साल में ऑफलाइन कक्षा के नाम पर खानापूर्ति की वजह से पेड सीट समेत सभी छात्रों का पूरी फीस वापस किया जाए।  छात्रों ने यह भी चेतावनी दी कि हमारी मांग जब तक पूरी नहीं होती हम सिंह द्वार पर धरने पर बैठे रहेंगे, जिसकी जिम्मेदारी बीएचयू प्रशासन की होगी। छात्रों ने कहा कि विश्वविद्यालय जल्द से जल्द हमारी बातों को माने और ऑफिशियल साइट पर लिखित रुप से नोटिस जारी करे, तब ही हम धरना खत्म करेंगे। धरने पर बैठे छात्रों ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान ऑफलाइन कक्षा का विकल्प ठीक था लेकिन आज जब कई महीनों बाद स्थितियां सामान्य हो गई हैं तो ऑफलाइन कक्षा चालने का कोई आधार नहीं है। देश भर में सभी तरह के व्यवसाय, रैली को हर तरह की छूट दे दी गई है पर बीएचयू में प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों के लिए शैक्षणिक गतिविधियां ठप हैं।

वहीं इस सम्बन्ध में प्रोफेसर बीएस कापड़ी ने कहा कि बच्चे चाहते हैं कि विश्वविद्यालय पूरी तरह से खोल दिया जाए पर हम सभी लोग मजबूर हैं, जब तक ऊपर से आर्डर नहीं आएंगे हम मजबूर हैं कि क्लास खोले जाएंगे। इसके अलावा वो हॉस्टल खोलने और ऑफलाइन परीक्षा की बात कर रहे हैं, लेकिन हम मजबूर हैं जब तक भारत सरकार की गाइडलाइन नहीं आजाती तब तक हम मजबूर हैं।  उन्होंने कहा कि जब स्थिति सामान्य हो जाएगी तो हम लोग विश्वविद्यालय खोल देंगे और बच्चों को हम यह समझने की कोशीश कर रहे हैं।