लखीमपुर हिंसा पर योगी सरकार को SC की फटकार,पूछा- पुलिस कस्टडी में 4 आरोपी ही क्यों?

लखीमपुर हिंसा पर योगी सरकार को SC की फटकार,पूछा- पुलिस कस्टडी में 4 आरोपी ही क्यों?

(रणभेरी): यूपी के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले पर सुप्रीम कोर्ट में  बुधवार को सुनवाई हुई। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने में है।जबकि पिछली सुनवाई के दौरान हमने आपको साफ कहा था कि कम से कम 1 दिन पहले हमें स्टेटस रिपोर्ट मिल जानी चाहिए। वहीं इसके जवाब में यूपी सरकार की तरफ से पेश वकील हरीश साल्वे ने कहा कि हमने प्रगति रिपोर्ट दाखिल की है। आप मामले की सुनवाई शुक्रवार तक टाल दीजिए। हालांकि, कोर्ट ने सुनवाई टालने से इनकार कर दिया और कहा, ये उचित नहीं होगा. बेंच यूपी सरकार की ओर से पेश रिपोर्ट हाथों हाथों पड़ रही है।  

यूपी सरकार से मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने पूछा कि आपने 44 लोगों की गवाही ली है, बाकी की क्यों नहीं? साल्वे ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि फिलहाल प्रक्रिया चल रही है। साल्वे ने कहा कि दो अपराध हैं। एक मामला किसानों पर गाड़ी चढ़ाने का और दूसरा लिंचिंग का। पहले मामले में दस लोग गिरफ्तार किए गए हैं। मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि कुछ लोग न्यायिक हिरासत और कुछ पुलिस हिरासत में क्यों हैं ? सभी को पुलिस हिरासत क्यों नहीं? इसपर यूपी सरकार की ओर से बताया गया है कि चार आरोपी पुलिस हिरासत में हैं और छह आरोपी पहले पुलिस हिरासत में थे अब न्यायिक हिरासत में हैं। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गवाहों और पीड़ितों के 164 के तहत बयान जल्द से जल्द दर्ज कराए जाएं। साथ ही गवाहों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाए। यूपी सरकार की ओर से पेश वकील हरीश साल्वे ने स्टेटस रिपोर्ट पर जानकारी देते हुए कहा कि इस मामले में आरोपियों से पूछताछ हो चुकी है इनमें भी सबूत मिले हैं। हमें 70 से ज्यादा वीडियो मिले हैं। साल्वे ने बताया कि क्राइम सीन रिक्रिएट भी किया गया और पीड़ितों और गवाहों के बयान दर्ज कराए जा रहे हैं। दशहरे की छुट्टी में कोर्ट बंद होने पर बयान दर्ज नहीं हो सके। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 26 अक्टूबर तक टाल दी है,क्योंकि यूपी सरकार ने अन्य गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए और समय मांगा।