ट्रामा सेंटर में रेड एरिया ट्रायज और डिजास्टर वार्ड की शुरूआत

ट्रामा सेंटर में रेड एरिया ट्रायज और डिजास्टर वार्ड की शुरूआत
  • सुविधाओं में विस्तार से बड़ी दुर्घटनाओं में जान का नुकसान होगा कम
  • सॉफ्टवेयर देंगे लावारिश मरीज और शव की पहचान, थंब इंप्रेशन लेकर जानेंगे नाम और पता

वाराणसी (रणभेरी): काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आईएमएस स्थित ट्रॉमा सेंटर में एक्सीडेंटल मामलों को रियल टाइम ट्रीटमेंट देने के लिए रेड एरिया, डिजास्टर वार्ड, पोस्ट आॅपरेटिव वार्ड और डे केयर वार्ड बनाए गए हैं। बीएचयू के एक्टिंग वीसी प्रोफेसर वीके शुक्ल ने फीता काटकर इसकी शुरूआत की। प्रभारी वाइचांसलर प्रो. वी. के शुक्ला ने शनिवार को ट्रॉमा सेन्टर व सुपर स्पेशलिटी चिकित्सालय, बीएचयू में नवनिर्मित चिकित्सा सुविधाओं का इनागरेशन किया।

कुलपति ने 13 बेड का रेड एरिया (ट्रायज) व 10 बेड के डिजास्टर वार्ड का उद्घाटन किया। यहां टेक्नोलाजी की सीपीआर मशीन, पोर्टेबल वेंटिलेटर, बेड साइड रेडियोलाजी की सुविधा उपलब्ध है। इसके साथ ही 20 बेड के डे-केयर वार्ड का भी उद्घाटन किया गया, जिसमें आथोर्पेडिक्स और प्लास्टिक सर्जरी के साथ ही अन्य डे-केयर के मरीज लाभान्वित होंगे। इस अवसर पर चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रो. बी आर मित्तल,  चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वी. बी सिंह, बीएचयू हािस्पटल के प्रो. के के गुप्ता व आचार्य प्रभारी ट्राँमा सेन्टर, प्रो. सौरभ सिंह भी उपस्थित रहे। वहीं डिजिटल सब्सट्रेक्शन एंजियोग्राफी, ओ-आर्म, इंडोस्कोपिक स्पाइन प्रोसिजर व अन्य उपकरणों से लैस 4 नये आॅपरेशन थियेटर, लावारिस मरीजों या शवों के पहचान के लिए आधुनिक यूआईडीएआई सिस्टम का संचालन जल्द ही किया जायेगा। इसके अलावा वुन्ड मैनेजमेंट (घाव प्रबन्धन) के लिए हाइपरबेरिक आॅक्सीजन चेम्बर, हार्ट व लंग्सफेल्योर मरीजों के सुविधापूर्ण इलाज के लिए ईसीएमओ मशीन, पोर्टेबल कम्प्यूटेड टोमोग्राफी मशीन की स्थापना भी जल्द कराई जाएगी।

ट्रॉमा सेंटर के प्रोफेसर इंचार्ज और हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. सौरभ सिंह ने बताया कि यदि किसी बड़े वाहन का एक्सीडेंट होता है तो उनके सारे मरीजों को गंभीरता के आधार पर इन वार्डों में तत्काल भर्ती किया जा सकता है। वहीं दूसरी ओर यदि मरीजों के साथ बड़ी संख्या में उनके परिजन भी साथ में आए हैं तो उसे कंट्रोल करने के लिए ट्रायज एरिया (लाल क्षेत्र) में सीटिंग अरेंजमेंट भी कर दिया गया है। वुंड मैनेजमेंट (घाव प्रवन्धन) के लिए हाइपरबेरिक आॅक्सीजन चेंबर, हार्ट एंड लंग्स फेल्योर मरीजों के इलाज के लिए इसीएमओ मशीन और पोर्टेबल कंप्यूटेड टोमोग्राफी मशीन भी लगाई गई है।  यहां पर आटोपल्स, सीपीआर मशीन, पोर्टेबल वेंटिलेटर, बेड साइड रेडियोलॉजी जैसी अत्याधुनिक तकनीक से लैस मशीनें भी इंस्टाल कर दी गई हैं।

20-20 बेड के डे-केयर वार्ड भी बनाए गए हैं। जहां पर आथोर्पेडिक्स, प्लास्टिक सर्जरी और अन्य नॉर्मल मरीजों का इलाज होगा। इसके अलावा नेचुरल डिजास्टर के समय  बेड की कमी होने पर 5-5 बेड के पोस्ट आॅपरेटिव वार्ड भी शुरू किए गए हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टरों के लर्निंग और ट्रेनिंग के लिए एक कांफ्रेंस हॉल भी बनाया गया है। यहां पर भविष्य में डिजिटल सब्सट्रेक्शन एंजियोग्राफी, ओ-आर्म, इंडोस्कोपिक स्पाइन प्रोसिजर आदि मशीनों को रखा जाएगा। इसके साथ ही इसी जगह एक नया आॅपरेशन थियेटर भी जल्दी ही खोला जाएगा। यह भी बनकर तैयार है। लावारिस मरीजों या शवों की पहचान के लिए मॉडर्न यूआईडीएआई सिस्टम को शुरू किया जाएगा। ट्रामा सेंटर विस्तार के उद्घाटन कार्यक्रम में चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक, प्रो. बीआर मित्तल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, वाराणसी डॉ. वीबी सिंह, चिकित्सा अधीक्षक, सर सुंदरलाल चिकित्सालय, प्रो. के के गुप्ता समेत बड़ी संख्या में अधिकारी और डॉक्टर मौजूद थे।