सजा माता का दरबार, पंडालों में गूंज रहा जय जयकार

सजा माता का दरबार, पंडालों में गूंज रहा जय जयकार
  • आस्था अपार, उल्लास से मनाया जा रहा नवरात्रि का त्योहार
  • पंडालों में विराजी जगतजननी, दर्शन को उमड़ी भक्तों की भीड़, 
  • जगह-जगह डांडिया और जागरण का आयोजन,

वाराणसी (रणभेरी): नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी शक्ति की पूजा की जाती है। नाम से प्रकट है कि इनका रूप पूर्णत: गौर वर्ण है। इनकी उपमा शंख, चंद्र और कुंद के फूल से दी गई है। अष्टवर्षा भवेद् गौरी यानी इनकी आयु आठ साल की मानी गई है। इनके सभी आभूषण और वस्त्र सफेद हैं। इसीलिए उन्हें श्वेताम्बरधरा कहा गया है। 4 भुजाएं हैं और वाहन वृषभ है इसीलिए वृषारूढ़ा भी कहा गया है। इनके ऊपर वाला दाहिना हाथ अभय मुद्रा है तथा नीचे वाला हाथ त्रिशूल धारण किया हुआ है। ऊपर वाले बांये हाथ में डमरू धारण कर रखा है और नीचे वाले हाथ में वर मुद्रा है।

नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी शक्ति की पूजा की जाती है। नाम से प्रकट है कि इनका रूप पूर्णत: गौर वर्ण है। इनकी उपमा शंख, चंद्र और कुंद के फूल से दी गई है। अष्टवर्षा भवेद् गौरी यानी इनकी आयु आठ साल की मानी गई है। इनके सभी आभूषण और वस्त्र सफेद हैं। इसीलिए उन्हें श्वेताम्बरधरा कहा गया है। 4 भुजाएं हैं और वाहन वृषभ है इसीलिए वृषारूढ़ा भी कहा गया है।

इनके ऊपर वाला दाहिना हाथ अभय मुद्रा है तथा नीचे वाला हाथ त्रिशूल धारण किया हुआ है। ऊपर वाले बांये हाथ में डमरू धारण कर रखा है और नीचे वाले हाथ में वर मुद्रा है। इनकी पूरी मुद्रा बहुत शांत है। पति रूप में शिव को प्राप्त करने के लिए महागौरी ने कठोर तपस्या की थी। इसी वजह से इनका शरीर काला पड़ गया लेकिन तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने इनके शरीर को गंगा के पवित्र जल से धोकर कांतिमय बना दिया। उनका रूप गौर वर्ण का हो गया। इसीलिए ये महागौरी कहलाईं।

ये अमोघ फलदायिनी हैं और इनकी पूजा से भक्तों के तमाम कल्मष धुल जाते हैं। पूर्वसंचित पाप भी नष्ट हो जाते हैं। महागौरी का पूजन-अर्चन, उपासना-आराधना कल्याणकारी है। इनकी कृपा से अलौकिक सिद्धियां भी प्राप्त होती हैं। कोरोना गाइडलाइन के साथ शासन के निर्देश के बाद दुर्गा पूजा पंडाल सजकर तैयार हुए तो षष्ठी तिथि पर पूजा पंडालों में माता की प्रतिमाएं विराजमान हुई। काशी, कोलकाता में तब्दील हो गई। जगह-जगह पूजा पंडालो में देवी प्रतिमा स्थापित कर दी गई। सप्तमी यानी मंगलवार से दर्शन-पूजन का सिलसिला शुरू हो गया।

जो दशमी यानी 15 अक्टूबर तक चलेगा। मिनी बंगाल के नाम से जानी जाने वाली बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी के लोग दुर्गोत्सव के उल्लास में डूबे नजर आ रहे हैं। रंग-गिरंगी झालरों और आकर्षक सजावट से सजाए गए देवी के पंडालों की आभा शाम होने के बाद देखते ही बन रही है। शहर में जगह-जगह डांडिया और देवी जागरण के आयोजन हो रहे हैं। सात वार नौ त्योहार वाली काशी अब उत्सव का यह माहौल देव दीपावली तक यूं ही रहेगा। देवी पंडालों में हाजिरी लगाने पहुंच रहे लोग यही प्रार्थना कर रहे हैं कि हे मां दुर्गा अब सबको कोरोना महामारी की काली छाया से बचाए रहना।

शहर, प्रदेश, देश और दुनिया के लोग सुख और शांति से सुकून के साथ रहें। पूजा पंडालों में देवी बोधन, आमंत्रण और अधिवास के साथ विधिवत पूजा की गई। महाषष्ठी पूजन के दौरान मंत्रोच्चार करते हुए देवी को वस्त्र और आभूषण धारण कराए गए। वहीं बंगीय पूजा पंडालों में मां को सोने के गहनों से सजाया गया। दसों भुजाओं को अस्त्रों और शस्त्रों से ही नहीं बल्कि वैक्सीन, सैनिटाइजर, इंजेक्शन, दवाइयां और आला से सुशोभित कर दिया गया है। कोविड के काल में मां दुर्गा को महामारी हरणी का रूप दिया गया है। डॉक्टर स्वरूप में मईया 3ीहाथ में वैक्सीन लेकर कोविड रूपी महिषासुर का संहार कर रहीं हैं। यही नहीं महिषासुर को ब्लैक फंगस का भी रूप दिया गया है। भगवान गणेश आॅक्सीजन प्लांट तो वहीं कार्तिकेय महराज एंबुलेंस चला रहे हैं।

गाइडलाइन का कर रहे पालन

घुमने निकले लोग कोरोना की वजह से चेहरे पर मास्क भी लगाए दिखें। सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करते रहे और सरकार के बताए नियमों के तहत पंडाल और मूर्ति स्थापित कि गई। पंडालों के अंदर सिर्फ क्लब के लोग हैं बाकी आम जनता के लिए दर्शन के लिए बैरिकेडिंग की गई  है। 

सीमित ऊँचाई तक बने है पंडाल

शहर में कुल 251 छोटे-बड़े पंडाल सजाए गए है। कोरोना के चलते इस वर्ष भी दुर्गा पूजा का पंडाल छोटा बनाया गया है और मां की मूर्ति भी छोटी है। इसके बावजूद मां की पूजा और आराधना में कोई कमी नहीं दिखाई दी। पंडालों में बच्चों, महिलाओं समेत हर आयु वर्ग के लोग नजर आए।

पूजा पंडाल में ओलंपिक की झलक, विभिन्न प्रकार के फूलों से हुआ मां दुर्गा का श्रृंगार

अर्दली बाजार स्थित न्यू डी लाइट क्लब दुर्गा पूजा समिति के पूजा पंडाल को ओलंपिक 2020 का स्वरूप दिया गया है। पंडाल पर खेल और खिलाड़ियों का फोटो लगाया गया है। पंडाल में मां दुर्गा की भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है।न्यू डी-लाइट  क्लब के पदाधिकारियों का कहना है कि खेल को बढ़ावा देने के लिए पंडाल को ओलंपिक 2020 का स्वरूप प्रदान किया गया है। क्षेत्र में आकर्षक विद्युत झालरों से सजावट आकर्षण का केंद्र है।

पंडाल में बुधवार को मां दुर्गा का विभिन्न प्रकार के फूलों से श्रृंगार किया गया। क्लब के अध्यक्ष मनोज कुमार अच्छू,  संजय विश्वकर्मा, संजय श्रीवास्तव मोले, अशोक कुमार सिंह लल्लन, दिलीप सोनकर,अभिषेक मौर्य आदि का सराहनीय योगदान है। पंडाल की सुरक्षा व्यवस्था में नागरिक सुरक्षा कलेक्ट्रेट प्रखंड पोस्ट एक के पोस्टर वार्डेन अरविन्द विश्वकर्मा के नेतृत्व में वार्डेन और स्वयंसेवक मुस्तैदी से जुटे हुए हैं।