वेश्यावृत्ति के दलदल में धकेली गई किशोरी, शुरू करेगी नई जिंदगी
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गोरखपुर। नेपाल में छह माह तक वेश्यावृत्ति के दलदल में फंसी रही बिहार की किशोरी अब बालिग होकर नई जिंदगी की शुरूआत करने जा रही है। अतीत को भूलकर वह अपने सपनों को पूरा करने के लिए आगे कदम बढ़ा रही है। दो साल पहले सीडब्ल्यूसी को गोरखपुर रेलवे स्टेशन के पास बिहार के गोपालगंज इलाके की 17 साल की किशोरी भटकती हालत में मिली थी। शेल्टर होम में रखकर उसकी कांउसलिंग की गई, तो किशोरी ने आपबीती सुनाई। सीडब्लूसी और चाइल्ड लाइन ने उसका साथ दिया। छह माह शेल्टर होम में रहने के बाद वह घर वापस गई। वर्तमान में वह पढ़ाई कर रही है। बहुत जल्द उसकी शादी भी होने वाली है। उसने बुरे समय में साथ देने वाली टीम को शादी में आने का न्योता दिया है।
नौकरी के नाम पर बेच दी गई थी किशोरी
सीडब्ल्यूसी की अध्यक्ष वंदना सिंह ने बताया कि रेलवे स्टेशन पर दो साल पहले बिहार की 17 वर्ष की किशोरी मिली थी। पहले वह बहुत डरी हुई थी काउंसलिंग हुई तो उसने बताया कि गांव के एक लड़के ने नौकरी दिलाने के लिए तमकुही राज की दंपती से मिलवाया। दंपती ने नौकरी के नाम पर उसे नेपाल ले जाकर बेच दिया। वहां छह माह तक उसका शोषण हुआ। किसी तरह से भाग कर वह गोरखपुर आई। उन्होंने आगे बताया कि किशोरी के बताए अनुसार बिहार और कुशीनगर के तमकुहीराज पुलिस से मदद मांगी गई। पुलिस ने किशोरी के बयान के आधार पर केस दर्ज कर तमकुहीराज के दंपती और गांव के युवक को गिरफ्तार कर जेल भेजवाया। इसके बाद किशोरी के घरवाले लोकलाज के चक्कर में उसे रखने को तैयार नहीं थे। छह माह तक किशोरी गोरखपुर में रही। इस दौरान परिवार से भी बात होती रही। तब जाकर परिवार ने बेटी को स्वीकार किया। जिस परिवार में उसकी शादी हो रही है, वहां भी उसे पढ़ाई जारी रखने का आश्वासन मिला है। सीडब्ल्यूसी के सदस्य जय प्रकाश आर्या, अरूण कुमार राव, राजेंद्र कुमार मिश्रा और उषा विश्वकर्मा ने किशोरी की हर संभव मदद की है।
कोट
इतने बुरे दिन देखने के बाद भी लड़की ने हिम्मत नहीं हारी। अब वह सारी पुरानी बातें भूलकर नई जिंदगी शुरू कर चुकी है। हमारी टीम हमेशा उसके साथ है। उसके हौसले को हम लोग सलाम करते हैं। उसकी खुशी में हमलोग शामिल होने का प्रयास करेंगे।