राष्ट्रीय एकता दिवस: सरदार पटेल की जयंती पर पीएम बोले-हम एक रहेंगे तभी आगे बढ़ेंगे, देशहित की चिंता सभी की जिम्मेदारी

राष्ट्रीय एकता दिवस: सरदार पटेल की जयंती पर पीएम बोले-हम एक रहेंगे तभी आगे बढ़ेंगे, देशहित की चिंता सभी की जिम्मेदारी

(रणभेरी): देश के लौहपुरुष और पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जा रहा है। सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक वीडियो संदेश जारी किया। इस वीडियो संदेश के माध्यम से उन्होंने देशवासियों को राष्ट्रीय एकता दिवस की शुभकाएनाएं दीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक भारत, श्रेष्ठ भारत के लिए जिसने जीवन का हर पल समर्पित किया, ऐसे राष्ट्र नायक सरदार वल्लभभाई पटेल को आज देश अपनी श्रद्धांजलि दे रहा है। सरदार पटेल जी सिर्फ इतिहास में ही नहीं बल्कि हम देशवासियों के हृदय में भी हैं। मोदी ने कहा कि एकजुट रहेंगे, तभी आगे बढ़ पाएंगे। देशहित की चिंता करना, हम सभी की जिम्मेदारी है। आज देशभर में एकता का संदेश लेकर आगे बढ़ रहे हमारे ऊर्जावान साथी, भारत की अखंडता के प्रति, अखंड भाव के प्रतीक हैं। पीएम मोदी ने कहा कि धरती के जिस भूभाग पर हम 130 करोड़ भारतीय रहते हैं, वह हमारी आत्मा, सपनों, आकांक्षाओं का अखंड हिस्सा है। सैकड़ों वर्षों से भारत के समाज, परंपराओं से लोकतंत्र की जो मजबूत बुनियाद विकसित हुई उसने एक भारत की भावना को समृद्ध किया है।

पीएम मोदी ने कहा कि सरदार पटेल ने देशहित को हमेशा सर्वोपरि रखा। उन्होंने देशवासियों को 'एक रहेंगे तभी आगे बढ़ेंगे' जैसी प्रेरणा का संदेश दिया। पीएम ने कहा कि आजाद भारत के निर्माण में सबका प्रयास जितना तब प्रासंगिक था, उससे कहीं अधिक आजादी के इस अमृतकाल में होने वाला है। आजादी का ये अमृतकाल, विकास की अभूतपूर्व गति का है, कठिन लक्ष्यों को हासिल करने का है। ये अमृतकाल सरदार साहब के सपनों के भारत के नवनिर्माण का है। साथ ही उन्होंने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को मजबूत करते हुए आज देश में सामाजिक, आर्थिक और संवैधानिक एकीकरण का महायज्ञ चल रहा है। जल, थल, नभ, अंतरिक्ष हर मोर्चे पर भारत का सामर्थ्य और संकल्प अभूतपूर्व है। अपने हितों की सुरक्षा के लिए भारत आत्मनिर्भरता के नए मिशन पर चल पड़ा है।पीएम मोदी ने कहा कि सरदार पटेल हमारे देश को एक शरीर के रूप में देखते थे, एक जीवंत इकाई के रूप में देखते थे। इसलिए, उनके 'एक भारत' का मतलब ये भी था, कि जिसमें हर किसी के लिए एक समान अवसर हों, एक समान सपने देखने का अधिकार हो।