Karwa Chauth 2021: पांच साल बाद बन रहा विशेष योग,अखंड सुहाग के लिए महिलाएं रखेंगी व्रत,-जाने पूजा का शुभ मुहूर्त

Karwa Chauth 2021: पांच साल बाद बन रहा विशेष योग,अखंड सुहाग के लिए महिलाएं रखेंगी व्रत,-जाने पूजा का शुभ मुहूर्त

(रणभेरी): करवाचौथ हिंदुओं का खास तौर पर महिलाओं का ऐसा त्‍योहार है जो वह पूरी श्रद्धा और आस्‍था से मनाती हैं। महिलाओं के लिए अखंड सौभाग्य का व्रत करवाचौथ कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 24 अक्तूबर (रविवार) को मनाया जाएगा। इस दिन सुहागिन पति के दीर्घायु और अखंड सौभाग्य के लिए चंद्रमा को अर्घ्य देंगीं। करवाचौथ को करक चतुर्थी और दशरथ चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।इस दिन महिलाएं पूरे नियमों का पालन करती हैं और चांद के दर्शन करने के बाद ही अपना व्रत तोड़कर पानी पीती हैं। वहीं अगर आपका यह पहला करवाचौथ है यानी आपकी अभी नई-नई शादी हुई है तो यह व्रत और भी खास हो जाता है। पहले करवा चौथ पर परिवार के सभी लोग नई बहू को तरह-तरह के उपहार देते हैं और उसके बेहद खास होने का अहसास करवाते हैं।

...........जब तक ना देखें चेहरा आपका 
ना सफल हो ये त्यौहार हमारा 
आपके बिना क्या है ये जीवन हमारा 
जल्दी आओ और दिखाओ अपनी सूरत 
और कर दो करवा चौथ सफल हमारा........
.....happy Karwa Chauth

इस बार करवाचौथ पर्व पर पांच साल बाद विशेष योग बन रहा है। इस बार करवाचौथ पर रोहिणी नक्षत्र और रविवार का संयोग बन रहा है। यह संयोग पूरे पांच साल बाद आया है। इस संयोग में श्रीगणेश के साथ ही सूर्यदेव की भी विशेष कृपा होगी। इस दिन व्रत रखने से गणेश भगवान के साथ ही सूर्यदेव का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा। उन्होंने बताया कि करवाचौथ का व्रत निर्जल किया जाता है। इस व्रत में चंद्रमा के उदय होने पर भगवान गणेश, कार्तिकेय, माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करके चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत समाप्त किया जाता है।

कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि प्रारंभ-
रविवार सुबह 3 बजकर 1 मिनट
चतुर्थी तिथि समापन - सोमवार सुबह 5 बजकर 43 मिनट तक ।
चंद्रोदय का समय- 8 बजकर 09 मिनट पर
करवाचौथ पूजन : शुभ मुहूर्त रविवार शाम 06:55 से लेकर 08:51 तक रहेगा।
करवा चौथ व्रत पूजा का महत्त्व
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना के साथ निर्जला व्रत रखती हैं। यह व्रत सौभाग्य, सुख और समृद्धि का प्रतीक है। इस दिन शिव परिवार और भगवान गणपति की पूजा करनी चाहिए।
अपनी पत्नी रोहिणी के साथ दिखाई देंगे चंद्र देव
मान्यताओं के अनुसार चंद्रमा की 27 पत्नियों में सबसे प्रिय रोहिणी के साथ होने से यह योग बन रहा है। चंद्रमा का उदय रोहिणी नक्षत्र का होना अपने आप में एक अद्भुत संयोग है। रात 1 बजकर 02 मिनट तक रोहिणी नक्षत्र रहेगा।

करवाचौथ कि पहली सरगी

सरगी करवा चौथ की सबसे खास चीज होती है। पहली करवा चौथ पर सास अपनी बहू को सरगी देती है। इस सरगी में फल, मठरी, मिठाई, मेवा और खाने पीने की और चीजें रहती हैं। सूर्योदय से पहले बहू और सास दोनों मिलकर यह सरगी खाती हैं। सरगी में इस तरह की खाने की चीजें होती हैं जो कि शाम तक महिलाओं को भूख का अहसास नहीं होने देती हैं। पहली करवा चौथ पर महिलाओं के मायके से भी गिफ्ट आते हैं और ससुराल की तरफ से भी उपहार मिलते हैं।

करवा चौथ की कथा और पूजा

सरगी के बाद व्रत की शुरुआत होती है और शाम की पूजा में व्रत रखने वाली सभी महिलाओं के लिए कथा सुनना अनिवार्य How to do First karwa chauthमाना गया है। चांद निकलने से पहले करवा चौथ की पूजा करने की परंपरा चली आ रही है। इस पूजा में कई महिलाएं समूह बनाकर पूजा करती हैं और एक-दूसरे के साथ करवा बदलती हैं। जिन घरों में करवाचौथ का व्रत बहुएं पहली बार रखती हैं उन घरों में व्रत तोड़ने के लिए खाने की स्‍पेशल थाली सजाई जाती है।