आज देश में मनाई गई राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती

आज देश में मनाई गई राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती

(रणभेरी): आज 2 अक्टूबर है ये भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण दिन है, इस दिन भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म हुआ था, इसके आलावा 2 अक्टूबर के ही दिन देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के रूप में भी जाना जाता है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। आगे चलकर लोगों के बीच वह बापू के नाम से पुकारे जाने लगे। बापू ने देश को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद करवाने में सबसे अहम भूमिका निभाई। उन्होंने अपने सत्य और अहिंसा के सिद्धांत के दम पर अंग्रेजों को कई बार घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। उनके अहिंसा के सिद्धांत को पूरी दुनिया ने सलाम किया, यही वजह है कि पूरा विश्व आज का दिन अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के तौर पर भी मनाता है। महात्मा गांधी के विचार हमेशा से न सिर्फ भारत, बल्कि पूरे विश्व का मार्गदर्शन करते आए हैं और आगे भी करते रहेंगे। महात्मा गांधी की महानता, उनके कार्यों व विचारों के कारण ही 2 अक्टूबर को स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस की तरह राष्ट्रीय पर्व का दर्जा दिया गया है। 

वही लाल बहादुर शास्त्री का जन्म दो अक्तूबर, 1904 को हुआ था। उनकी सादगी और साहस से हर कोई परिचित है। बात 1965 के युद्ध की है जब 1962 के युद्ध में भारत चीन से हार गया था तब पाकिस्तान को भ्रम हो गया कि भारतीय सेना की बाजुओं में इतना दम नहीं। इसी सोच के साथ उसने भारत पर हमला कर दिया। उस दौरान लाल बहादुर शास्त्री द्वारा अपनाई गई रणनीति पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए काफी थी। बता दें कि वे 9 जून, 1964 को देश के दूसरे प्रधानमंत्री बने थे। 1962 में चीन के साथ भारत का युद्ध हुआ था, जिसमें भारत को हार का सामना करना पड़ा था। उस वक्त पाकिस्तान ने इस हार को अपनी आने वाली जीत का संदेश समझा। पाकिस्तान की अय्यूब खान सरकार ने इस मौके का फायदा उठाने की ठान ली।पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान थे। 1965 की भरी गर्मी थी, जब उन्होंने ऑपरेशन जिब्राल्टर छेड़कर और भारतीय सेना की कम्युनिकेशन लाइन को ध्वस्त करने की मंशा से कश्मीर में हजारों सैनिकों को भेजा। 
सिर्फ इतना ही नहीं कश्मीर के मुस्लमानों को अपनी तरफ करने के लिए उन्होंने भारतीय सेना के जमीन पर कब्जा करने की बात फैला दी। परंतु पाकिस्तान का मकसद पूरा नहीं हो सका। 

2 अक्टूबर है और न सिर्फ पूरा हिन्दुस्तान, बल्कि दुनिया के कई देश 152वीं गांधी जयंती मना रहे हैं। 2 अक्टूबर को हर साल अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस भी मनाया जाता है। सत्य और अहिंसा को लेकर बापू के विचार हमेशा से न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया का मार्गदर्शन करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। गांधी जयंती के दिन स्कूल, कॉलेजों में वाद-विवाद और भाषण प्रतियोगिता का भी आयोजन होता है।

गांधी जी इस बात में विश्वास रखते थे कि हिंसा के रास्ते पर चलकर आप कभी भी अपने अधिकार नहीं पा सकते। उन्होंने विरोध करने के लिए सत्याग्रह का रास्ता अपनाया। महात्मा गांधी ने लंदन में कानून की पढ़ाई की थी। लंदन से बैरिस्टर की डिग्री हासिल कर उन्होंने बड़ा अफसर या वकील बनना उचित नहीं समझा, बल्कि अपना पूरा जीवन देश के नाम समर्पित कर दिया। अपने जीवन में उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ कई आंदोलन किए। वह हमेशा लोगों को अधिकार दिलाने की लड़ाई लड़ते रहे। चंपारण सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन, दांडी सत्याग्रह, दलित आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन उनके कुछ प्रमुख आंदोलन ने जिन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य की नींव कमजोर करने में बड़ा रोल अदा किया। गांधीजी ने भारतीय समाज में व्याप्त छुआछूत जैसी बुराइयों के प्रति लगातार आवाज उठाई। वो चाहते थे कि ऐसा समाज बने जिसमें सभी लोगों को बराबरी का दर्जा हासिल हो क्योंकि सभी को एक ही ईश्वर ने बनाया है। उनमें भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। नारी सशक्तीकरण के लिए भी वह हमेशा प्रयासरत रहे।