एक पथ दो काज: पहले कुलियों से बाद में मृत किसान के परिवार से मिली, ललितपुर ट्रेन से पहुंची प्रियंका

एक पथ दो काज: पहले कुलियों से बाद में मृत किसान के परिवार से मिली, ललितपुर ट्रेन से पहुंची प्रियंका

(रणभेरी): खाद की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने से किसानों को खाद की समस्या का सामना करना पड़ता है। हर साल किसानो को खाद समस्या का सामना करना पड़ता है। यह सिर्फ इन चार किसानों की बात नहीं है बल्कि पूरे बुंदेलखंड की समस्या है। बोरियों में खाद की कम मात्रा भरकर दी जा रही है और कीमत भी बढ़ा दी  है। आखिर किसान क्या करेंगे? किसानों के बहुत सारे मुद्दे हैं लेकिन सराकर नहीं सुन रही। उन्हें पता है कि कई महीनों से किसान सड़कों पर हैं। उन्हें गाड़ी से रौंद दिया गया।

वही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी काफी सक्रिय हो गई हैं। वे अपने राजनीतिक कार्यक्रमों के दौरान समाज के हर वर्ग से मुलाकात कर उनका हाल चाल जानने की कोशिश में लगी हैं। बाराबंकी में उन्होंने खेत पर महिला किसानों से मुलाकात की थी। इसके बाद प्रियंका गांधी लखनऊ से ट्रेन से ललितपुर पहुंचीं। इससे पहले उन्होंने लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर कुलियों के एक ग्रुप से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने उनका हाल जाना। कुलियों ने प्रियंका गांधी को अपनी जीविका से जुड़ी समस्याओं को बताया। साथ ही लॉकडाउन के वक्त स्टेशन बंद होने के चलते उनपर पड़े आर्थिक असर की जानकारी भी उन्होंने प्रियंका को दी। इस दौरान प्रियंका ने उन्हें सरकार आने पर हर संभव देने का भरोसा भी दिलाया। 

लखीमपुर की घटना के बाद जनपद में खाद को लेकर किसानों का विरोध सरकार के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। खाद के मुद्दे पर हो रही सियासत में सपा और बसपा के अलावा किसान संगठन भी सरकार को घेरने में लगे हैं। बृहस्पतिवार को सपा के प्रदेश महासचिव ने मृत किसानों के परिजनों के घर जाकर कहा कि सपा सरकार बनने पर मृत किसान के परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिलाने का काम किया जाएगा।खरीफ की फसल से बर्बाद हुए किसानों को बारिश होने से उम्मीद थी कि इस बार रबी की फसल ठीक होगी लेकिन बुवाई से पहले ही डीएपी की किल्लत ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया। सुबह से लेकर रात तक खाद की दुकानों पर डेरा डाले किसानों का खाना पानी भी वितरण केंद्र पर हो रहा। वहीं महिलाएं भी चौका चूल्हा छोड़कर लाइन में लग गई थी। खाद के लिए लाइन में लगे किसान की मौत पर शासन ने भले ही दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता कर दी है लेकिन सपा व बसपा इस मामले को गर्माने में जुट गई।

खाद न मिलने से किसान ने लगाई फांसी

खाद के लिए मची मारामारी के बीच ललितपुर में दो किसानों की मौत हो गई है। एक किसान ने फांसी लगाकर जान दे दी। परिजनों ने आरोप लगाया कि खाद न मिलने की वजह से वो हताश था, जिससे उसने ये आत्मघाती कदम उठा लिया। जबकि, प्रशासन ने परिजनों के इस आरोप को नकार दिया। वहीं, खाद के लिए तीन दिन से कतार में लग रहे एक किसान की बीते दिन हालत बिगड़ गई थी और उसकी मौत हो गई। इन दोनों घटनाओं से किसानों में खासा रोष है।